Onion Prices: प्याज की बढ़ती कीमतों से लोगों को मिलेगी राहत, बफर स्टॉक का इस्तेमाल करेगी सरकार
प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र ने इसी वर्ष बफर स्टॉक को एक लाख टन से बढ़ाकर तीन लाख टन किया है। बफर स्टॉक से निकाले गए प्याज को उन राज्यों एवं क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों में भेजा जा रहा है जहां खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक चल रही हैं या पिछले वर्ष की तुलना में मूल्य वृद्धि दर ज्यादा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टमाटर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सतर्कता के तौर पर प्याज के दाम को भी नियंत्रित करने का फैसला किया है। इसके लिए बफर स्टॉक से तीन लाख टन प्याज को चरणबद्ध तरीके से बाजार में उतारा जाएगा।
बफर स्टॉक को सरकार ने बढ़ाया
बता दें कि प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र ने इसी वर्ष बफर स्टॉक को एक लाख टन से बढ़ाकर तीन लाख टन किया है। बफर स्टॉक से निकाले गए प्याज को उन राज्यों एवं क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों में भेजा जा रहा है, जहां खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक चल रही हैं या पिछले वर्ष की तुलना में मूल्य वृद्धि दर ज्यादा है।
गेहूं और चावल को लेकर सरकार ने उठाए कदम
खाद्य पदार्थों के दाम को स्थिर रखने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में 50 लाख टन गेहूं एवं 25 लाख टन चावल को भी बफर स्टॉक से निकालकर बाजार में उतारा है। चावल के दाम में भी कमी की है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने नैफेड और एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशकों के साथ विमर्श कर बफर स्टॉक से प्याज निकालकर बाजारों तक भेजने के तरीकों को अंतिम रूप दिया। सरकार ई-नीलामी के जरिये बिक्री के साथ-साथ ई-कामर्स प्लेटफार्मों पर खुदरा बिक्री के उपायों का भी पता लगा रही है।
किस आधार पर होगी आपूर्ति?
जानकारी के अनुसार, विभिन्न बाजारों में प्याज की स्थिति, मांग, खपत एवं उपलब्धता के आधार पर मात्रा तय कर आपूर्ति की जाएगी। राज्यों की सहकारी समितियों एवं निगमों की खुदरा दुकानों के जरिए भी रियायती दरों पर प्याज की बिक्री का प्रयास किया जाएगा। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो 10 अगस्त का प्याज का औसत खुदरा मूल्य 27.90 रुपये प्रति किलो था, जो पिछले साल की इसी समयावधि के मुकाबले दो रुपये प्रति किलो ज्यादा है।
चार वर्षों में प्याज का बफर आकार तीन गुना हो गया
टमाटर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने प्याज के बफर स्टॉक को बढ़ाने का फैसला किया है। पहले बफर स्टॉक में एक लाख टन प्याज का स्टॉक होता था, जिसे बढ़ाकर पहले डेढ़ लाख टन फिर ढाई लाख टन एवं बाद में तीन लाख टन कर दिया गया।
केंद्र सरकार की नोडल एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ ने जून-जुलाई में महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश से डेढ़ लाख टन रबी प्याज की खरीदारी की थी। बफर स्टॉक के जरिये काफी हद तक प्याज की कीमतों पर नियंत्रण रखने में सरकार को मदद मिलती रही है। यही कारण है कि पिछले चार वर्षों में प्याज का बफर आकार तीन गुना हो गया है।