President Murmu: 'केंद्र और राज्यों के बीच कड़ी का काम करते हैं राज्यपाल', राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा- समाज में महिलाओं की भागीदारी अहम
राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन में अपने समापन भाषण में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जन कल्याण और समग्र विकास के लिए सभी संस्थानों का सुचारु संचालन बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के उद्देश्य से सार्थक चर्चा हुई।
पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को कहा कि संघीय व्यवस्था में राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच कड़ी काम करते हैं, जबकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्यपालों को राज्य सरकारों से जानकारी मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए।
राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन में अपने समापन भाषण में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जन कल्याण और समग्र विकास के लिए सभी संस्थानों का सुचारु संचालन बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, मुर्मु ने कहा कि सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के उद्देश्य से सार्थक चर्चा हुई।
राज्यपालों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की
राष्ट्रपति मुर्मु ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपालों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार सहकारी संघवाद और केंद्रीय संस्थाओं के आपसी समन्वय को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल नागरिकों के लिए आदर्श उदाहरण स्थापित करने के लिए जिम्मेदार हैं। यदि वे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उदाहरण स्थापित करते हैं, तो इससे न केवल उनकी पहचान बनेगी बल्कि लोगों का मार्गदर्शन भी होगा। राष्ट्रपति मुर्मु ने पारस्परिक शिक्षा की भावना से व्यापक विचार-विमर्श करने के लिए राज्यपालों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की।अपने समापन भाषण में उन्होंने कहा कि राज्यपालों के विभिन्न समूह अपने कार्यालय के कामकाज को बेहतर बनाने के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए अपने बहुमूल्य विचारों और सुझावों के साथ सामने आए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन सुझावों को लागू किया जाएगा।
महिलाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण
राष्ट्रपति ने कहा कि देश का विकास राज्यों के समावेशी और त्वरित विकास पर निर्भर करता है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सार्थक और समग्र सामाजिक समावेश के लिए महिलाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करके महिला सशक्तीकरण को मजबूत किया जा सकता है। महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप को बढ़ावा देकर 'महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास' का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।