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Conference Of Governors: पीएम मोदी बोले- केंद्र और राज्य के बीच प्रभावी सेतु बनें राज्यपाल, जनता तक पहुंचना भी जरूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को राज्यपाल सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि आज सुबह राज्यपालों के सम्मेलन में भाग लिया। यह एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें हमने चर्चा की है कि राज्यपाल किस प्रकार विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और समाज की सेवा कर सकते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और गृह मंत्री अमित शाह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 02 Aug 2024 09:04 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपाल सम्मेलन को किया संबोधित।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यपालों की भूमिका को लेकर विपक्ष शासित राज्यों से टकराव और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई के बीच जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकतंत्र के सुचारू तरीके से चलने के लिए केंद्रीय -एजेंसियों का सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम को जरूरी बताया। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यपालों से केंद्र और राज्य के बीच प्रभावी सेतु का काम करने की अपील की है।

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राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यपाल को अपने राज्य में आम लोगों और एनजीओ से साथ सक्रिय संपर्क के साथ वंचित वर्ग तक पहुंच बनाना चाहिए।

सीमावर्ती गांवों का दौरा करने की सलाह

सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यपालों को सीमावर्ती गांवों और आकांक्षी जिलों का दौरा करने की सलाह दी, ताकि इन क्षेत्रों में विकास योजनाओं को गति मिल सके। दो दिन चलने वाले सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान के दायरे में रहते हुए भी राज्यपाल राज्य के लोगों के विकास और खासकर जनजातियों क्षेत्र के मामलों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

विकास की जानकारी जनता तक पहुंचाना जिम्मेदारी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपालों को दी जाने वाले शपथ की याद दिलाते हुए कहा कि सामाजिक कल्याण योजनाओं के साथ-साथ पिछले 10 सालों में हुए विकास की जानकारी राज्य की जनता तक पहुंचाना उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी भी है। सबसे वरिष्ठ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सम्मेलन के दौरान चर्चा के लिए चुने विषयों की जानकारी दी, जिनमें युवाओं के बीच बढ़े माद्य पदार्थों के सेवन की समस्या और प्राकृतिक खेती भी शामिल है।

समन्वय के साथ काम करना जरूरी: राष्ट्रपति

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि लोकतंत्र के सुचारू तरीके से चलने के लिए केंद्रीय -एजेंसियों का सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम करना जरूरी है। उन्होंने अपने-अपने राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते इसके लिए इस सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रास्ते निकालने की सलाह दी।

उच्च शिक्षा विकास की अहम कड़ी

राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा सामाजिक परिवर्तन और व्यक्ति विकास की अहम कड़ी है। विश्वविद्यालय के कुलपति होने के नाते राज्यपाल शैक्षिक संस्थानों की गुणवत्ता और सुधार में अहम योगदान कर सकते हैं। राष्ट्रपति के अनुसार सरकार गरीबों और सीमावर्ती इलाकों के साथ ही वंचित वर्गों और क्षेत्रों के विकास पर विशेष जोर दे रही है। विकास में पीछे रह गए अधिकांश आदिवासी जनजातीय इलाकों में रहते हैं। राज्यपालों को इन क्षेत्रों के समुचित विकास का उपाय भी सुझाना चाहिए।

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