Sugar Exports Cap: गेहूं के बाद चीनी की बारी, सरकार ने निर्यात पर लगाया अंकुश; महंगाई पर लगेगी लगाम
महंगाई पर अंकुश के लिए सरकार ने मंगलवार को दो बड़े फैसले लिए। देर रात सरकार ने चीनी निर्यात को भी सीमित करने की घोषणा कर दी। वर्ष 21-22 के चालू चीनी सीजन ( अक्टूबर-सितंबर) में सिर्फ 100 लाख टन तक चीनी निर्यात की इजाजत होगी।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 06:01 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महंगाई पर अंकुश के लिए सरकार ने मंगलवार को दो बड़े फैसले लिए। पहले कच्चे सोयाबीन व सूरजमुखी तेल के आयात पर शुल्क और सेस हटाने की घोषणा की फिर देर रात चीनी के निर्यात की सीमा निर्धारित करने का एलान किया।वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में प्रत्येक वर्ष 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने ट्वीट कर कहा कि इस कदम से महंगाई पर अंकुश लगेगा और आम आदमी को राहत मिलेगी। भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत खाद्य तेल आयात करता है।
देर रात सरकार ने चीनी निर्यात को भी सीमित करने की घोषणा कर दी। वर्ष 21-22 के चालू चीनी सीजन ( अक्टूबर-सितंबर) में सिर्फ 100 लाख टन तक चीनी निर्यात की इजाजत होगी। सरकारी फैसले के मुताबिक, आगामी एक जून से चीनी निर्यात के लिए व्यापार महानिदेशालय के साथ सार्वजनिक खाद्य वितरण विभाग के चीनी निदेशालय से भी मंजूरी लेनी होगी।चालू सीजन में निर्यात के लिए चीनी मिल से 82 लाख टन निकल चुकी है। इसमें से 78 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है। इस हिसाब से अब सितंबर तक सिर्फ 22 लाख टन चीनी का निर्यात हो सकेगा।सरकार के मुताबिक, सितंबर तक 100 लाख टन चीनी निर्यात के बाद भी देश में 60-65 लाख टन चीनी का स्टाक रहेगा, जबकि घरेलू स्तर पर 24 लाख टन प्रतिमाह की खपत है। अक्टूबर से चीनी पेराई का नया सीजन शुरू हो जाएगा।
काटन आयात पर भी छूट संभवखुदरा महंगाई को मापने में कपड़ों को भी शामिल किया जाता है, इसलिए कपड़ों की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकार काटन के आयात को शुल्क मुक्त कर सकती है ताकि घरेलू गारमेंट निर्माताओं को सस्ती दरों पर काटन यार्न मिल सके। हाल में निर्यात बढ़ने के कारण काटन की कीमतें लगातार बढ़ी हैं। टेक्सटाइल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से काटन के आयात को शुल्क मुक्त करने की सिफारिश की है।
मई में सात प्रतिशत पर आ सकती है महंगाई दररेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती के साथ कई कच्चे माल के आयात शुल्क में कमी से मई में महंगाई दर घटकर सात प्रतिशत पर आ सकती है। अप्रैल की खुदरा महंगाई दर 7.78 प्रतिशत के साथ मई, 2014 के बाद अपने उच्चतम स्तर थी।