हाइवे के साथ हेलीपैड पर सरकार का जोर, कहा- आपातकालीन हालातों में सुविधाजनक निकासी के लिए है जरूरी
जरूरत पड़ने पर आपात हालातों में सुविधाजनक निकासी हो सके इसके लिए नेशनल हाइवे के साथ हेलीपैड की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। नागरिक विमानन मंत्रालय ने कनेक्टीविटी को पहाड़ी व सुदूर इलाकों में मजबूत बनाने के क्रम में हेलीकाप्टरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है।
By AgencyEdited By: Monika MinalUpdated: Tue, 18 Oct 2022 01:40 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। आपात हालातों में तुरंत निकास हो सके, इसके मद्देनजर सरकार हेलीपैड के निर्माण की योजना बना रही है। इसके साथ नए हाईवे को भी विकसित किया जाएगा। सड़क परिवहन और नागरिक विमानन मंत्रालयों ने प्रस्ताव पर चर्चा की है। नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने इसकी जानकारी दी है।
सुदूर इलाकों में भी कनेक्टीविटी बढ़ाने का है मकसद
पहाड़ी समेत अन्य सुदूर इलाकों में कनेक्टीविटी को मजबूत करने के क्रम में मंत्रालय हेलीकाप्टरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है। सिंधिया ने कहा, 'सभी नए हाइवे के साथ हेलीपैड की व्यवस्था भी होनी चाहिए। नेशनल हाइवे पर हेलीपैड होने से इमरजेंसी के दौरान तुरंत निकासी में मदद मिलेगी।' हर जिले में हेलीपैड बनाने की सिंधिया और नागरिक विमानन राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वी के सिंह ने वकालत की है।
सरकार की 'प्रोजेक्ट संजीवनी'
सरकार ने HEMS (Helicopter Emergency Medical Services) पायलट की योजना बनाई है। इसे प्रोजेक्ट संजीवनी का नाम दिया है। इसके तहत अगले कुछ सप्ताह में एम्स ऋषिकेश के करीब इमरजेंसी मेडिकल सर्विस मुहैया कराई जाएगी। यह हेलीकाप्टर सेवा अस्पताल के करीब मौजूद रहेगी और 150 किमी के रेडियस में 20 मिनट के नोटिस पर सेवा उपलब्ध कराएगी। वर्तमान में इसके लिए करीब 80 हेलीकाप्टर कारिडोर बनाए गए हैं।