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मणिपुर हिंसा को लेकर अलर्ट मोड में केंद्र सरकार, एंट्री ड्रोन सिस्टम के साथ 2000 से ज्यादा CRPF जवान होंगे तैनात

मणिपुर हिंसा ने अब और भी भयानक रूप ले लिया है जगह-जगह लोगों के प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच केंद्र ने जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा कर्तव्यों के लिए लगभग 2000 कर्मियों वाली दो नई सीआरपीएफ बटालियनों की तैनाती का निर्देश दिया है। बटालियन नंबर 58 को तेलंगाना के वारंगल से जबकि 112 नंबर वाली बटालियन को झारखंड के लातेहार से भेजा जा रहा है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 10 Sep 2024 06:29 PM (IST)
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मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन मोड में केंद्र सरकार (फोटो-एएनआई)

एएनआई, मणिपुर। मणिपुर हिंसा ने अब और भी भयानक रूप ले लिया है, जगह-जगह लोगों के प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच केंद्र ने जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा कर्तव्यों के लिए लगभग 2,000 कर्मियों वाली दो नई सीआरपीएफ बटालियनों की तैनाती का निर्देश दिया है। बटालियन नंबर 58 को तेलंगाना के वारंगल से जबकि 112 नंबर वाली बटालियन को झारखंड के लातेहार से भेजा जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि पहली इकाई का मुख्यालय मणिपुर के कांगवई (चुराचांदपुर) में होगा, जबकि दूसरी इंफाल के आसपास तैनात की जाएगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के कुछ अन्य हिस्सों में परिचालन कर्तव्यों के लिए मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियनों की वापसी के बाद इस कदम का आदेश दिया गया है।

तकनीकी गैजेट जल्द ही मणिपुर भेजे जाएंगे

बता दें कि सीआरपीएफ की एक बटालियन में लगभग 1,000 कर्मियों की परिचालन शक्ति होती है। सूत्रों के अनुसार, दो ड्रोन बंदूकें, जो ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) को जाम कर देती हैं, जिससे वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है या पीछे हट जाता है, मणिपुर में सीआरपीएफ कर्मियों को प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ और तकनीकी गैजेट जल्द ही मणिपुर भेजे जाएंगे।

सूत्रों ने आगे बताया, जो दो इकाइयां आगे बढ़ रही हैं उनमें ऐसे कर्मी हैं जिन्होंने विभिन्न आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों में ट्रेनिंग हासिल की है। अधिकारी ने कहा, उन्हें कुछ साजो-सामान, आवास, उपकरण और ड्रोन रोधी तकनीक की आवश्यकता होगी और इसकी योजना बनाई जा रही है।

ड्रोन के अध्यन के लिए मणिपुर पहुंचेगी एक्सपर्ट की टीम

इस बीच, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों और कुछ स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों की एक संयुक्त टीम ड्रोन का "विश्लेषणात्मक अध्ययन" करने के लिए इस सप्ताह के अंत में मणिपुर पहुंचेगी।

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