नगा अलगाववादियों से ऐतिहासिक शांति समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के अलगाववाद के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नगा संगठन एनएससीएन (आइएम) को मुख्यधारा में ला दिया है। सोमवार को उनकी मौजूदगी में इसके महासचिव टी. मुइवा ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर दस्तखत किए। प्रधानमंत्री ने कहा है कि नगा अलगाववाद की छह दशक पुरानी
By Sachin kEdited By: Updated: Tue, 04 Aug 2015 12:41 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के अलगाववाद के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नगा संगठन एनएससीएन (आइएम) को मुख्यधारा में ला दिया है। सोमवार को उनकी मौजूदगी में इसके महासचिव टी. मुइवा ने ऐतिहासिक शांति समझौते पर दस्तखत किए। प्रधानमंत्री ने कहा है कि नगा अलगाववाद की छह दशक पुरानी समस्या के बाद अब दूसरे अतिवादी संगठन भी रास्ते पर आएंगे।
आंतरिक और बाह्य मोर्चे पर कामयाबीसोमवार की शाम प्रधानमंत्री आवास पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मौजूदगी में हुए इस समझौते के साथ ही मोदी सरकार ने आंतरिक और बाह्यï सुरक्षा दोनों ही मोर्चों पर एक बड़ी कामयाबी जोड़ दी। इससे देश की सबसे पुरानी अलगाववादी समस्या तो खत्म होगी ही, सीमावर्ती इलाके पर भारत की पकड़ भी मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा भी कि जिस तरह इस बड़े मामले में कामयाबी मिली है, उसे देखते हुए देश में जो अन्य छोटे-छोटे समूह हिंसा का रास्ता अपनाए हुए हैं, उन्हें भी सही रास्ते पर आने की प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि नगा समस्या को खत्म होने में इतना समय इसलिए लगा, क्योंकि हम एक दूसरे की विशिष्टताओं को समझने के लिए तैयार नहीं थे। ब्रिटिश राज ने फूट डालो और शासन करो की नीति के तहत नगा लोगों में बाकी देश के बारे में भ्रांतियां फैलाईं और बाकी हिस्सों में नगा लोगों के बारे में भ्रम फैलाया। समझौते के ब्योरे और इसे अमल में लाने की प्रक्रिया सरकार बाद में सार्वजनिक करेगी। संगठन के अध्यक्ष इसाक सू अपनी अस्वस्थता की वजह से इस मौके पर नहीं पहुंच सके। सरकार की ओर से नगा वार्ताकार आरएन रवि ने समझौते पर दस्तखत किए।नगा भावना को सम्मान
इस समझौते के जरिए भारत ने नगा लोगों की भावना और इच्छा को सम्मान देने के साथ ही नगालैंड के विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और स्थिति को मान्यता दी है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ना सिर्फ मुइवा को मंच पर ठीक बगल की जगह दी, बल्कि हॉल में मौजूद एनएससीएन (आइएम) के शीर्ष नेतृत्व के अन्य नेताओं के पास जा कर उनसे हाथ भी मिलाया।
इस समझौते के जरिए भारत ने नगा लोगों की भावना और इच्छा को सम्मान देने के साथ ही नगालैंड के विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और स्थिति को मान्यता दी है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ना सिर्फ मुइवा को मंच पर ठीक बगल की जगह दी, बल्कि हॉल में मौजूद एनएससीएन (आइएम) के शीर्ष नेतृत्व के अन्य नेताओं के पास जा कर उनसे हाथ भी मिलाया।
1980 के दशक में हुआ गठन
1980 के दशक में नगा नेशनल काउंसिल के साथ भारत सरकार के समझौते के खिलाफ इसाक सू और तुंगलांग मुइवा के नेतृत्व में एनएससीएन का गठन हुआ था। बाद में इससे अलग हो कर खापलांग ने अपना अलग गुट तैयार कर लिया। वह शांति समझौते के खिलाफ रहा है।
किसने, क्या-कहाः हमारे अपने नगालैंड को अब हम नई ऊंचाइयों पर ले कर जाएंगे।
1980 के दशक में नगा नेशनल काउंसिल के साथ भारत सरकार के समझौते के खिलाफ इसाक सू और तुंगलांग मुइवा के नेतृत्व में एनएससीएन का गठन हुआ था। बाद में इससे अलग हो कर खापलांग ने अपना अलग गुट तैयार कर लिया। वह शांति समझौते के खिलाफ रहा है।
किसने, क्या-कहाः हमारे अपने नगालैंड को अब हम नई ऊंचाइयों पर ले कर जाएंगे।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम एक दूसरे को बेहतर समझ पाए हैं और दोनों पक्ष करीब आए हैं।
-टी. मुइवा, महासचिव, एनएससीएन (आइएम) पढ़ेंः नगा समझौते पर पूर्व जनरलों को संदेह
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम एक दूसरे को बेहतर समझ पाए हैं और दोनों पक्ष करीब आए हैं।
-टी. मुइवा, महासचिव, एनएससीएन (आइएम) पढ़ेंः नगा समझौते पर पूर्व जनरलों को संदेह