मुंबई में मनाई गई महंत स्वामी महाराज की 91वीं जन्म जयंती, देश-विदेश से उमड़े साधु-संत और हजारों भक्त
26 सितंबर 2024 को BAPS स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक प्रमुख और विश्ववंदनीय संत विभूति परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की 91वीं जयंती NESCOगोरेगाँव मुंबई में बड़े भक्ति-भाव और भव्यता के साथ मनाई गई। आध्यात्मिक कार्यक्रम शाम को शुरू हुआ जिसमें भक्तों और शुभचिंतकों से कार्यक्रम स्थल भर गया। दुनिया भर से भक्त समुदाय परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के पवित्र चरणों में अपनी भावांजलि अर्पण करने के लिए एकत्रित हुए।
जागरण डेस्क, मुंबई। 26 सितंबर 2024 को BAPS स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक प्रमुख और विश्ववंदनीय संत विभूति परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की 91वीं जयंती NESCO, गोरेगाँव, मुंबई में बड़े भक्ति-भाव और भव्यता के साथ मनाई गई। आध्यात्मिक कार्यक्रम शाम को शुरू हुआ, जिसमें भक्तों और शुभचिंतकों से कार्यक्रम स्थल भर गया।
दुनिया भर से भक्त समुदाय, परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के पवित्र चरणों में अपनी भावांजलि अर्पण करने के लिए एकत्रित हुए। BAPS स्वामीनारायण संस्था के 400 से अधिक साधु-संत दुनिया के विभिन्न प्रांतों से इस उत्सव का हिस्सा बने, और हजारों भक्त गणने इस दिव्य महोत्सव का लाभ लिया।
इस आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरुआत भगवान के भक्तिमय नाम-स्मरण और प्रार्थना से हुई। इसके बाद बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वरिष्ठ संतों पूज्य महंत स्वामी महाराज की जीवन यात्रा और सेवा कार्य के गुणगान गाते प्रवचन हुए ।अपने संबोधन में पूज्य ज्ञाननयन स्वामी ने भगवान स्वामीनारायण के असाधारण और अद्भुत कार्यों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे उनकी दिव्य उपस्थिति उनके सच्चे और गुणातीत साधु के माध्यम से पृथ्वी पर अनंत काल से प्रकट है। उन्होंने कहा कि पूज्य महंत स्वामी महाराज की जन्म जयंती भगवान की उपस्थिति का अनुभव करने का एक पवित्र अवसर है।
पूज्य नारायणमुनि स्वामी ने बीएपीएस के पूर्व आध्यात्मिक गुरु प्रमुख स्वामी महाराज की अद्वितीय भक्ति पर प्रकाश डाला, जबकि पूज्य भगवत्सेतु स्वामी ने पूज्य महंत स्वामी महाराज में निरंतर भक्ति और साधना के बारे में बताया।पूज्य विवेकसागर स्वामी ने प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा भक्तों पर बरसाई गई दिव्य स्नेहवर्षा के बारे में विस्तार से बताया तथा पूज्य आदर्शजीवन स्वामी ने महंत स्वामी महाराज के समस्त मानवता के प्रति असीम प्रेम और वात्सल्य पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामीजी और पूज्य आत्मतृप्त स्वामीजी ने क्रमशः प्रमुख स्वामी महाराज और महंत स्वामी महाराज के विशाल सेवाकार्य और सेवा-भावना का विवरण दिया। साथ ही, सद्गुरुवर्य पूज्य ईश्वरचरण स्वामीजी और पूज्य आनंदस्वरूप स्वामीजी ने प्रमुख स्वामी महाराज और महंत स्वामी महाराज की विनम्रता पर अपने प्रवचन दिए।
समारोह में पूज्य भक्तिप्रिय स्वामी ने बताया कि प्रमुख स्वामी महाराज और महंत स्वामी महाराज ने अपना समस्त जीवन मानव कल्याण हेतु समर्पित कर दिया।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने पूज्य महंत स्वामी महाराज के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा “पूज्य महंत स्वामी महाराज एक विश्व वंदनीय संत विभूति हैं और उनकी संस्था BAPS समाज कल्याण और आध्यात्मिक क्षेत्र में अनुपम कार्य कर रही है। इस अवसर पर, मैं स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मैं यहाँ उपस्थित हूँ। जिस प्रकार हमारी संस्कृति को सकारात्मक और रचनात्मक रूप से विश्वभर में फैलाया जा रहा है, उसमें BAPS स्वामीनारायण संस्था का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारा अबू धाबी में मंदिर इसी विचार का स्पष्ट प्रमाण है। मुझे पूरा विश्वास है कि BAPS स्वामीनारायण संस्था विश्व मंच पर शांति और आनंद को फैलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"
मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन, कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा और श्री कृष्णा पटेल, CMD, NESCO Ltd.समारोह के समापन में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने अपने आशीर्वचन से सभी भक्तों को कृतार्थ किया। उन्होंने कहा कि "भगवान स्वामिनारायण की यथार्थ महिमा को समझकर उनकी भक्ति करना और उनके आदेशों का पालन करना ही हमारा परम कर्तव्य है।"
परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के आशीर्वाद से वातावरण दिव्यता से भर उठा , भक्तों के मन और ह्रदय पुलकित हो उठे जिसका उपस्थित समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से अभिवादन किया।बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वरिष्ठ संतों ने परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के चरणों में पुष्पांजलि अर्पण करने के बाद हजारों दीपों से सामूहिक आरती की गई, जिससे अत्यंत मनमोहक, भक्तिमय और दिव्य वातावरण का निर्माण हुआ। कार्यक्रम का समापन आदरांजलि अर्पित करती हुई सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ। यह समारोह भक्ति, सेवा, संतों के प्रेरणादायक आशीर्वचनों का कल्याणकारी स्रोत रही , जिससे सभी को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभूति हुई।