ग्रीन चाईबासा, क्लीन चाईबासा’ अभियान
पश्चिमी सिंहभूम में पदस्थापना के बाद से ही आइएएस अधिकारी डॉ. शांतनु ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू की मुहिम..सोशल साइट के विभिन्न माध्यमों से उपायुक्त का प्रयास ला रहा रंग
चाईबासा (ब्युरो)। लगातार अपने अभिनव प्रयोग के लिए चर्चा में रहने वाले 2012 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई मिसाल पेश की है। पश्चिर्मी ंसहभूम के उपायुक्त के रूप में जून 2016 में पदस्थापना के बाद से अलग-अलग कार्यक्रम और समारोह में उन्होंने अब तक पूरे जिले में 10,000 से अधिक पौधे लगवाए। उपायुक्त कार्यालय से लेकर अपने आवासीय परिसर में खुद पौधे लगाकर वे आम नागरिकों को भी पौधरोपण के लिए प्रेरित करते हैं। चाईबासा शहर को हराभरा बनाने के लिए उपायुक्त डॉ. अग्रहरि ने ‘ग्रीन चाईबासा, क्लीन चाईबासा’ अभियान की शुरुआत की।
इस अभियान को मिले व्यापक जन सहयोग की बदौलत कचरे के ढेर में दबा दिखने वाला चाईबासा महज एक वर्ष से भी कम समय में साफ और स्वच्छ दिखने लगा है। सामाजिक सहयोग के नए प्रयोग को जमीनी हकीकत का रूप देते हुए उपायुक्त ने शहर के चौक-चौराहों को हरियाली से भरने के लिए तमाम सामाजिक संगठनों को स्वैच्छिक सेवा की जिम्मेदारी सौंप दी है। महज कुछ महीनों में इसका असर दिखने लगा। अब आलम यह है कि पार्क में फैली हरियाली कार्यालय आने वाले लोगों का बरबस ध्यान खींचती है। उपायुक्त के आग्रह पर चाईबासा चैंबर ऑफ कामर्स ने इस जिम्मेदारी को पूरी लगन और मेहनत के साथ पूरा कर दिखाया। नालियों की सफाई के दौरान निकलने वाले पुराने कपड़े और जूते-चप्पल को देखकर उपायुक्त ने कपड़ा बैंक व चरण पादुका बैंक की शुरुआत कराई।
सुदूर इलाके तक पहुंचाया संदेश
सुरक्षा की चिंता किए बगैर युवा आइएएस अधिकारी डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ग्रामीण इलाकों का दौरा करते हैं। गांव के लोगों को जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए प्रेरित करते हैं। जनता दरबार के समय उपायुक्त का पूरा जोर जंगलों की रक्षा और पौधारोपण पर होता। पश्चिमी सिंहभूम से होकर गुजरने वाली नदियों के अस्तित्व से बचाने के लिए अतिक्रमण व गंदगी रोकने पर पूरा जोर रहता है। प्लास्टिक का प्रयोग कम करने के लिए उपायुक्त ने पुरानी लकड़ियों से बनने वाले सामान के क्रयविक्रय को प्रोत्साहन दिया।
पर्यावरण संरक्षण व्यक्तिगत एवं सामूहिक जिम्मेदारी है। हम सब मिलकर अगर पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं तो
इससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य मिल सकेगा। इस मुहिम को आगे बढ़ाने में युवाओं को अपनी अहम भूमिका अदा करनी होगी।- डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम।
ब्रजेश मिश्र
यह भी पढ़ें : पर्यावरण संरक्षण को अगली पीढ़ी भी तैयार