बढ़ रही साइबर सुरक्षा की चुनौतियां, कुशल पेशेवरों की भारी कमी; साइबर विशेषज्ञों की मांग व आपूर्ति में बड़ा अंतर
रोजगार संबंधी विषयों पर काम करने वाली संस्था टीम लीज सर्विस की इकाई टीम लीज डिजिटल ने साइबर सुरक्षा की चुनौतियों और रोजगार की संभावनाओं पर हाल ही में अध्ययन किया है जिसकी रिपोर्ट पिछले माह जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में देशभर में साइबर सुरक्षा से जुड़ी 14 लाख से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं जो कि 2021 की तुलना में तीन गुणा अधिक थीं।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 05 Jul 2023 11:27 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दुनिया के साथ ही भारत में भी डिजिटलीकरण बढ़ रहा है। इसके साथ-साथ साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। वर्तमान में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मांग और आपूर्ति में लगभग तीस प्रतिशत का अंतर दर्ज किया गया है। संकट का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि सिर्फ मई माह में ही 40 हजार पद इस सेक्टर में रिक्त पाए गए, जिनके लिए संस्थानों को साइबर सुरक्षा के कुशल पेशेवर नहीं मिल सके।
क्या कहा गया रिपोर्ट में ?
रोजगार संबंधी विषयों पर काम करने वाली संस्था टीम लीज सर्विस की इकाई टीम लीज डिजिटल ने साइबर सुरक्षा की चुनौतियों और रोजगार की संभावनाओं पर हाल ही में अध्ययन किया है, जिसकी रिपोर्ट पिछले माह जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में देशभर में साइबर सुरक्षा से जुड़ी 14 लाख से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं, जो कि 2021 की तुलना में तीन गुणा अधिक थीं।
बढ़ रही हैं साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां
माना जा रहा है कि देश में जैसे-जैसे डिजिटलीकरण का दायरा बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियां भी बढ़ती जाएंगी। इनमें खास तौर पर डाटा चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे मामले शामिल हैं। यही कारण है कि रोजगार के नए अवसरों के द्वार खोलते हुए डाटा प्राइवेसी, क्लाउड सिक्योरिटी, एआइ सिक्योरिटी और नेटवर्क सिक्योरिटी के विशेषज्ञ प्रोफेशनलों की मांग तेजी से बढ़ी है।क्या मानते हैं विशेषज्ञ ?
विशेषज्ञ मानते हैं कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मांग और आपूर्ति में सतुलन बनाने के लिए बड़े पैमाने पर इस सेक्टर में कौशल विकास और कौशल उन्नयन (अपस्किलिंग) की आवश्यकता है। स्किल की बात करें तो सबसे अधिक मांग नेटवर्क एंड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, क्लाउड सिक्योरिटी, ब्लाक चेन सिक्योरिटी, इंट्रूशन डिटेक्शन, थ्रेट इंटेलीजेंस स्किल, पेनीट्रेशन टेस्टिंग स्किल, रिस्क आइडेंटिफिकेशन एंड मैनेजमेंट, कंप्यूटर फोरेंसिक स्किल, एथिकल हकिंग जैसी विधाओं में कार्यरत युवाओं के कौशल विकास की आवश्यकता है।
तकनीकी विधा के लिए अनुभव की आवश्कता
इस तकनीकी विधा में नौकरियों के अवसरों को भुनाने के लिए स्नातक डिग्री के साथ तीन वर्ष का कार्य अनुभव, परास्नातक डिग्री के साथ 1-2 वर्ष का अनुभव आवश्यक है। साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए पायथान, एचटीएमएल, सी प्लस प्लस, जावा के साथ ही कोडिंग लैंग्वेज का जानकार होना चाहिए। इसके लिए कई आनलाइन और आफलाइन अल्पकालिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।साइबर सुरक्षा के बाजार का आकार
विस्तार लेता साइबर सुरक्षा का बाजार कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर सुरक्षा के बाजार का आकार 2021 में करीब 220 करोड़ रुपये का था, जिसके 2027 में 350 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। यह आकलन इसलिए है, क्योंकि साइबर हमले भी संस्थानों पर बढ़ते जा रहे हैं। बताया गया है कि वर्ष 2021 में साइबर हमलों में विश्व में भारत का दूसरा स्थान था। इनमें 7.7 प्रतिशत हमले हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर ही हुए। वर्ष 2022 में भारत में साइबर सुरक्षा संबंधी करीब 14 लाख मामले दर्ज किए गए।