आम लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, एसी-टीवी सहित डेढ़ दर्जन वस्तुओं पर घट सकता है GST
केंद्र जीएसटी के 28 प्रतिशत स्लैब में शामिल करीब तीन दर्जन वस्तुओें की संख्या घटाकर डेढ़ दर्जन के आसपास ला सकता है।
By Arti YadavEdited By: Updated: Wed, 19 Dec 2018 07:26 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लोक सभा चुनाव से पहले सरकार आम लोगों को जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) में और राहत दे सकती है। माना जा रहा है कि केंद्र जीएसटी के 28 प्रतिशत स्लैब में शामिल करीब तीन दर्जन वस्तुओें की संख्या घटाकर डेढ़ दर्जन के आसपास ला सकता है। जीएसटी काउंसिल की शनिवार को होने वाली बैठक में एयर कंडीशनर और टेलीविजन सहित कई वस्तुओं पर जीएसटी की अधिकतम दर 28 प्रतिशत को घटाकर 18 प्रतिशत तय करके इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी के दायरे में कुल 1200 से 1300 आइटम शामिल हैं, जिसमें ढाई से तीन प्रतिशत आइटम ऐसे हैं जिन पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार 28 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने वाले आइटमों की संख्या घटाकर 15 से 20 पर ला सकती है। ऐसा होने पर जीएसटी के 28 प्रतिशत स्लैब वाली सूची में लगभग डेढ़ दर्जन उत्पाद ही बचेंगे। फिलहाल जीएसटी के 28 प्रतिशत स्लैब में एयर कंडीशनर जैसे लक्जरी उत्पाद और सिगरेट जैसी कई अवगुणी वस्तुएं शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि एयर कंडीशनर, डिश वाशर और टीवी जैसी वस्तुओं पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाया जा सकता है। हालांकि सीमेंट जैसे उत्पादों पर काउंसिल जीएसटी की दरें कम करने से परहेज कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सीमेंट पर टैक्स घटाने से सरकार के खजाने पर लगभग दस हजार करोड़ रुपये का असर पड़ सकता है, इसलिए इसकी दर कम करने से परहेज किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में 22 दिसंबर को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 30वीं बैठक होने जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि जिन वस्तुओं पर जीएसटी की अधिकतम दर घटायी जानी है, उनमें से कुछ वस्तुओं के संबंध में निर्णय आगामी बैठक में हो सकता है। इस बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार जीएसटी के तहत 99 प्रतिशत आइटमों को 18 प्रतिशत या उससे कम के स्लैबों में ही रखेगी। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह अपेक्षानुरूप न रहने की वजह से बजट में तय किए गए जीएसटी संग्रह के लक्ष्य को भी हासिल करना मुश्किल हो सकता है।
माना जा रहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 में जीएसटी संग्रह लक्ष्य से करीब 50,000 करोड़ रुपये तक कम रह सकता है। चूंकि अगले साल लोक सभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार राजस्व संग्रह की चिंताओं को दरकिनार कर जीएसटी की उच्चतम दर में कटौती का लोकलुभावन कदम उठा सकती है।