Health Life Insurance: हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस पर GST होगा खत्म? मोदी सरकार जल्द ले सकती है बाद फैसला
सरकार व्यक्तिगत रूप से खरीदे जाने वाले हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को समाप्त कर सकती है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों के बीच सहमति न बनने से फैसला नहीं हो सका। अब दो स्लैब के साथ जीएसटी के नए वर्जन को लाने की तैयारी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार अब व्यक्तिगत रूप से खरीदे जाने वाले हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को पूरी तरह से समाप्त कर सकती है। पिछले एक साल से हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को कम करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों के बीच इस पर सहमति नहीं बनने से कोई फैसला नही हो सका।
अब सिर्फ दो स्लैब के साथ जीएसटी के नए वर्जन को लाने की तैयारी चल रही है जिस पर राज्यों के बीच सहमति बनाने के लिए बुधवार को जीएसटी काउंसिल की तरफ से गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक आयोजित की गई। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हिस्सा लिया।
पांच और 18 प्रतिशत के स्लैब के साथ जीएसटी के नए वर्जन का प्रस्ताव केंद्र ने सभी राज्यों को भेज दिया है। अब जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले इस प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है ताकि काउंसिल की बैठक में अंतिम फैसला लिया जा सके।
जीओएम के अध्यक्ष बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी है। गुरुवार को भी जीओएम की बैठक होगी जिसमें जीएसटी दरों में बदलाव पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री जीएसटी के नए वर्जन को आगामी दिवाली के दिन से लागू करना चाहते हैं जिसकी घोषणा उन्होंने गत 15 अगस्त को की थी। हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी को समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र का है जिस पर अधिकतर राज्यों ने अपनी सहमति दिखाई है।
सूत्रों के मुताबिक कुछ राज्यों ने इस पर अपना अलग विचार रखा है, लेकिन उन राज्यों के नाम उजागर नहीं किए गए। लाइफ व हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे को बढ़ाने के लिए सरकार इन उत्पादों को सस्ता करना चाहती है। इन उत्पादों पर जीएसटी को समाप्त करने से जीएसटी से प्राप्त होने वाला राजस्व प्रभावित हो सकता है।
नए वर्जन में सरकार 12 प्रतिशत वाले स्लैब को समाप्त कर उसे पांच प्रतिशत में तो 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त कर उसे 18 प्रतिशत में मर्ज कर दिया जाएगा। 28 प्रतिशत स्लैब में शामिल कुछ वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत का एक नया स्लैब बनाया जा रहा है। जिसमे सिगरेट, तंबाकू समेत बड़ी एसयूवी गाडि़या शामिल हो सकती हैं।
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