'नेताजी होते तो देश का नहीं होता बंटवारा', NSA अजीत डोभाल बोले- बोस होते तो जिन्ना उन्हें मान लेते नेता
अजीत डोभाल ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहाजिन्ना ने सिर्फ सुभाष चंद्र बोस को नेता के तौर पर स्वीकार करने की बात कही थी। नेताजी आजादी को लड़कर लेना चाहते थे न कि भीख स्वरूप में लेकर।
वो किसी को अच्छा या बुरा नहीं कह रहे: अजीत डोभाल
एनएसए ने कहा,वह किसी को अच्छा या बुरा नहीं कह रहे लेकिन यह जानते हैं कि नेताजी के बौद्धिक स्तर वाले बहुत कम लोग उनके समय की राजनीति में थे। इसी प्रकार से बहुत कम लोगों में धारा के विपरीत चलने की क्षमता होती है। ब्रिटिश साम्राज्यवाद के युग में यह और ज्यादा मुश्किल था। लेकिन नेताजी में यह क्षमता थी।"
जिन्ना ने भी सुभाष चंद्र बोस को माना नेता: अजीत डोभाल
डोभाल ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा,"जिन्ना ने सिर्फ सुभाष चंद्र बोस को नेता के तौर पर स्वीकार करने की बात कही थी। नेताजी आजादी को लड़कर लेना चाहते थे, न कि भीख स्वरूप में लेकर। ऐसा इसलिए क्योंकि आजादी भारतीयों का अधिकार थी।"नेताजी लोगों के स्वतंत्र महसूस कराना चाहते थे: अजीत डोभाल
डोभाल ने कहा,"नेताजी का नेतृत्व करने का तरीका अलग था। उनका मानना था कि भारत एक वास्तविकता थी, वास्तविकता है और वास्तविकता रहेगी। इसीलिए वह आजादी से कम पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं थे।उन्होंने कहा,नेताजी केवल राजनीतिक गुलामी से मुक्ति नहीं चाहते थे बल्कि वह भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सोच को बदलना चाहते थे। वह आम आदमी को उस तरह महसूस कराना चाहते थे जैसे कि एक चिड़िया खुले आकाश में महसूस करती है-जहां चाहे वहां उड़ सकती है।"
विकृत तस्वीर पेश कर रहे डोभाल : जयराम रमेश