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Exclusive: आम आदमी के साथ किसानों को भी होगा बायोफ्यूल एलायंस से फायदा- हरदीप सिंह पुरी

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डी सिल्वा के साथ मिलकर कई अन्य देशों के प्रमुखों की मौजूदगी में ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) की घोषणा की। दैनिक जागरण ने पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से इस घोषणा के मायने और उनके मंत्रालय के दूसरे विषयों पर बात की है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 11 Sep 2023 08:20 PM (IST)
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ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस से किसानों की आय बढ़ाने में मिलेगी मददः केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डी सिल्वा के साथ मिल कर कुछ दूसरे दिग्गज देशों के प्रमुखों की उपस्थिति में ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) की घोषणा की। दैनिक जागरण ने पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से इस घोषणा के मायने और उनके मंत्रालय के दूसरे विषयों पर सोमवार को बात की। विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन के साथ बातचीत के कुछ प्रमुख अंश।

सवाल: बायोफ्यूल एलायंस भारत को किस तरह से फायदा पहुंचाएगा?

जवाब: पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत पिछले कुछ वर्षों में रिनीवेबल ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक लीडर के तौर पर स्थापित हो रहा है और यह गठबंधन या सहयोग हमारी इस छवि को और मजबूत करेगी। यह गठबंधन पूरे विश्व में पर्यावरण अनुकूल ईंधन को व्यापक बनाने में काम आएगा। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह तेल उत्पादक देशों के संगठन 'ओपेक पल्स' की जगह लेगा, लेकिन स्वचछ ईंधन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करने में अगुवा बनेगा। दुनिया में कार्बन उत्सर्जन को खत्म कर, साफ-सुथरे ईंधन को बढ़ावा देने का यह काम करेगा। जिन देशों के पास इसकी तकनीक नहीं है, उन्हें यह तकनीक देगा। मैं आपको बता दूं कि शुरुआत में ही इसमें 19 देश इसके सदस्य बनना चाहते हैं, जिसमें सात देश तो जी-20 के सदस्य हैं, चार देश ऐसे हैं जो जी-20 में विशेष तौर पर आमंत्रित थे और शेष आठ देश हैं। इससे 12 वैश्विक संगठनों का सहयोग है। अभी दुनिया में बायोफ्यूल का बाजार 100 अरब डॉलर का है। अंतरराष्ट्रीय इनर्जी एजेंसी के मुताबिक, यह वर्ष 2050 तक 500-800 अरब डॉलर का बाजार होगा। भारत के लिए इसमें अपार संभावनाएं हैं।

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सवाल: इससे एक आम भारतीय को क्या फायदा होगा?

जवाब: यह संगठन कई तरह से आम भारतीयों को फायदा पहुंचाएगा। आपको पता है कि पीएम मोदी की सरकार अगले वर्ष देश में 20 फीसद एथनोल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री सुनिश्चित करने जा रही है। हमें यहीं ठहरने नहीं जा रहे बल्कि पेट्रोल के साथ डीजल में भी बायोफ्यूल का मिश्रण करेंगे। एलायंस का सदस्य बनने से हम तकनीक के क्षेत्र में दूसरे देशों से सीखेंगे। तो पहला फायदा यह होगा कि हम स्वच्छ ईंधन की खपत करेंगे, जिससे पर्यावरण सुरक्षा होगा। दूसरा, किसान जब अपनी फसल को बायोफ्यूल बनाने के लिए देगा तो उन्हें ज्यादा कमाई होगी। यहां मैं साफ करना चाहूंगा कि किसानों की फसल बायोफ्यूल के लिए देने से हमारी खाद्य सुरक्षा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। देश को दूसरे तरीकों से भी कई फायदे होंगे। उदाहरण के तौर पर अगर हम हवाई जहाजों में एक फीसद बायोफ्यूल ईंधन (एसएटीएफ) मिश्रित करते हैं जो सालाना 14 करोड़ रुपये की बचत होगी और इससे पांच लाख किसानों को फायदा होगा व एक लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसर बनेंगे। पर्यावरण अनुकूल एटीएफ आपूर्ति करने में भारत विश्व का केंद्र बन सकता है। बायोफ्यूल का ज्यादा उपयोग हमारे देश में पराली की मौजूदा समस्या का समाधान देगा। इस तरह से एलायंस का सदस्य बन कर हम दूसरे देशों से सीखेंगे और अपना अनुभव भी साझा करेंगे।

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सवाल: क्या निकट भविष्य में आम जनता को पेट्रोल व डीजल कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है?

जवाब: पेट्रोल व डीजल की कीमतें पूरी तरह से वैश्विक बाजार से तय होती है। लेकिन भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जब वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतो में भारी अस्थिरता है और काफी किल्लत है तब भी देश के नागरिकों को ना तो आपूर्ति में कोई समस्या आए और उन पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़े। अगर वर्ष 2021-22 की तुलना वर्ष 2022-23 से करेंगे तो आप पाएंगे कि पेट्रोल की कीमतों में पांच फीसद की कमी आई है, डीजल भी इस दौरान सस्ता हुआ है। पूरी दुनिया में आपको ऐसा नहीं मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। एक बार फिर ये 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है। इस दौरान केंद्र सरकार ने पिछले साल टैक्स की दरों में कटौती कर आम जनता को राहत भी दी थी। हमने एलपीजी पर भी दो सौ रूपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी है। आपने देखा होगा कि कई भाजपा शासित सरकारों ने स्थानीय शुल्कों में कटौती की ताकि आम जनता को राहत मिले। मुझे उम्मीद है कि तेल कंपनियां बाजार को देखते हुए कदम उठाएंगी। पेट्रोल डीजल की महंगाई की बात कांग्रेस ज्यादा करती है उन्हें पहले राज्यों में स्थानीय शुल्क में कटौती कर जनता को राहत देनी चाहिए।