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जल संरक्षण को लेकर हरियाणा सरकार की विशेष प्लानिंग, जानिए क्या है 3 R सिद्धांत

मनोहर लाल की सरकार जल संरक्षण में तीन R के सिद्धांत की ओर आगे बढ़ रही है। सरकार ने हरियाणा अमृत जल क्रांति मुहिम की शुरुआत की है। सरकार यहां के लोगों को जल के संरक्षण के लिए इस तीन R के सिद्धांत के लिए जागरूक भी कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Thu, 27 Apr 2023 04:29 PM (IST)
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तीन R के सिद्धांत से जल संरक्षण किया जा सकता है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दुनिया में इस समय भू-जल का स्तर कम होते जा रहा है। इसके लिए सरकार की तरफ से भी पानी की मांग को पूरा करने के लिए समय-समय पर जरूरी कदम भी उठाए जा रहा है। हरियाणा में खासतौर पर पानी को लेकर आए दिन विवाद भी देखे जा रहे हैं। इसी बीच मनोहर लाल की सरकार जल संरक्षण में तीन R के सिद्धांत की ओर आगे बढ़ रही है। सरकार ने 'हरियाणा अमृत जल क्रांति' मुहिम की शुरुआत की है।

क्या है तीन R का सिद्धांत?

काफी लोगों ने स्कूल में पढ़ते समय तीन R के बारे में जरूर पढ़ा होगा। तीन में से पहले R का मतलब Reduce से है मतलब की पानी का कम इस्तेमाल, फिर Recycle यानी की पुन: चक्रण और फिर Reuse का मतलब है दोबारा से इसका इस्तेमाल।

हरियाणा सरकार के द्वारा यहां के लोगों को जल के संरक्षण के लिए इस तीन R के सिद्धांत के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। पृथ्वी का करीब 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ही ढका हुआ है। हालांकि, पीने के लिए सिर्फ 1.2 प्रतिशत पानी ही है।

डे-जीरो का क्या मतलब है?

अब भू-जल के स्तर को लेकर बात हो रही है तो आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि डे-जीरो क्या है। डे जीरो एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब किसी भी शहर की जमीन का पानी का स्तर ख्तम हो जाता है। पानी के लिए एक लेवल तैयार किया गया है। अगर ये लैवल 13.5 फिसदी से भी कम हो जाता है तो भी ये डे-जीरो कहलाता है। इस शब्द को 2018 के अफ्रीका के केप टाउन शहर में किया गया, जब शहर बुरी तरह जल संकट से गुजर रहा था।

पानी को लेकर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी जानिए

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की पानी को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई। इस रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व में 26% आबादी ऐसी हैं जिन्हें साफ पानी नसीब नहीं हो पाता है। वहीं 46% लोग ऐसे हैं जिन्हें सैनिटेशन के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। दुनियाभर में 200 करोड़ लोगों को साल में एक महीने पानी की किल्लत तक का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पानी को लेकर ये आंकड़ा बढ़ता ही जाएगा।

इन राज्यों को पानी की सबसे ज्यादा कमी

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में जिन राज्यों को सबसे ज्यादा पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इनमें पंजाब, दिल्ली, बेंगलुरु, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ चेन्नई में 2018 से सबसे ज्यादा पानी की गंभीर समस्या रही है।

भारत के अलावा इन देशों में पानी की समस्या

वहीं 2022 की एक रिपोर्ट की बात करें तो इसमें पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के और भी ऐसे देश हैं जहां के लोग पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं। इन देशों में इजराइल,ईरान, कुवैत, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ओमान, बहरीन जैसे कई देश हैं।