स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बोले: भारत के फार्मा निर्यात में हुई भारी वृद्धि, इसीलिए भारत बना 'फार्मेसी ऑफ वर्ल्ड'
अप्रैल-अगस्त 2022-23 में दवा उत्पादों के निर्यात में 146 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। जनवरी में दावोस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया के लिए एक फार्मेसी था और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा-उत्पादक है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 26 Sep 2022 05:11 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत के फार्मा निर्यात में 2013-14 की अवधि की तुलना में अप्रैल-अगस्त 2022-23 में 146 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसके कारण देश दुनिया के लिए फार्मेसी बन गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इन वर्षों में भारत के दवा निर्यात का एक इन्फोग्राफिक संलग्न करते हुए एक ट्वीट में कहा, देश की दवाएं विश्व स्तर पर कीमती जीवन बचा रही हैं। "पीएम नरेंद्र मोदी जी ने सही कहा, "भारत का फार्मा उद्योग न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक संपत्ति है।"
"केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, अप्रैल-अगस्त 2022-23 में दवा उत्पादों के निर्यात में 2013-14 की इसी अवधि की तुलना में 146 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। जनवरी में दावोस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया के लिए एक फार्मेसी था और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा-उत्पादक है।
PM @NarendraModi Ji rightly said, "India’s pharma industry is an asset not just for 🇮🇳 but the entire world."
Huge increase of 146% in pharmaceutical products exports in April-August 2022-23 over same period in 2013-14.
Made in 🇮🇳 medicines are saving precious lives globally. pic.twitter.com/YxxSJ5CENc
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 26, 2022
भारत ने कोविड महामारी से करोड़ों लोगों की जान बचाई
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दावोस एजेंडा में वर्चुअल रूप से दुनिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कि भारत ने टीकों की आपूर्ति करके कोविड-19 महामारी के दौरान करोड़ों लोगों की जान बचाई है। और 'वन अर्थ वन हेल्थ' विजन के तहत कई देशों को आवश्यक दवाएं भेजी है। "कोरोना के इस समय में, हमने देखा है कि भारत ने किस तरह 'वन अर्थ, वन हेल्थ' के विजन पर चलकर कई देशों को आवश्यक दवाएं, टीके देकर करोड़ों लोगों की जान बचा रहा है।इससे पहले, रविवार को, मंत्री मंडाविया ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि कैसे ई-प्लेटफॉर्म सभी को अधिक कुशल और प्रभावी तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बता दें E-RUPI एक डिजिटल समाधान है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साल पहले विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के लिए कैशलेस भुगतान समाधान की अनुमति देने के लिए शुरू किया था।
Video: Union Health Minister Mansukh Mandaviya ने Corona के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकारों को निर्देश द
डिजिटल भुगतान समाधान डीएफएस (वित्तीय सेवा विभाग) और एनएचए (राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण) के समर्थन से विकसित किया गया था और यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा संचालित है। यह निर्बाध एकमुश्त भुगतान तंत्र उपयोगकर्ताओं को यूपीआई ई-प्रीपेड वाउचर स्वीकार करने वाले व्यापारियों पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम बनाता है।
ई-आरयूपीआई को लाभार्थियों के साथ एक विशिष्ट उद्देश्य या गतिविधि के लिए एसएमएस या क्यूआर कोड के माध्यम से संगठनों द्वारा साझा किया जाएगा। यह संपर्क रहित ई-आरयूपीआई आसान और सुरक्षित है क्योंकि यह लाभार्थियों के विवरण को पूरी तरह से गोपनीय रखता है। इस वाउचर के माध्यम से पूरी लेनदेन प्रक्रिया अपेक्षाकृत तेज और साथ ही विश्वसनीय हो जाती है, क्योंकि वाउचर में आवश्यक राशि पहले से ही संग्रहीत होती है।
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