AIIMS In India: देश में अब तक 22 एम्स की स्थापना को मिली मंजूरी, इन सात AIIMS में इलाज पूरी तरह से शुरू
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देशभर में 22 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को अब तक मंजूरी दी जा चुकी है। 22 में से 16 एम्स में शिक्षण अनुसंधान मरीज देखभाल की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में बताया कि भोपाल भुवनेश्वर जोधपुर पटना रायपुर ऋषिकेश के एम्स पूरी तरह शुरू हो चुके हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देशभर में 22 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को अब तक मंजूरी दी जा चुकी है। 22 में से 16 एम्स में शिक्षण, अनुसंधान, मरीज देखभाल की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि ये 16 एम्स भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर, ऋषिकेश, नागपुर, बिलासपुर, गोरखपुर, रायबरेली, देवघर, बठिंडा, गुवाहाटी, कल्याणी, मंगलगिरि और बीबीनगर में हैं।
ये एम्स पूरी तरह शुरू हुए
इनमें भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर, ऋषिकेश के एम्स पूरी तरह शुरू हो चुके हैं। इनके अतिरिक्त राजकोट, विजयपुर (जम्मू), मदुरै (तमिलनाडु), अवंतीपोरा (कश्मीर), रेवाड़ी (हरियाणा) और दरभंगा (बिहार) परिचालन के विभिन्न चरणों में हैं। पूर्वोत्तर में गुवाहाटी में एम्स बन चुका है और चालू है। वर्ष 2022-23 के बीच नए एम्स की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई।एंटीबायोटिक का अंधाधुंध प्रयोग ही सूक्ष्मजीवों की प्रतिरोधकता का कारण
देश में एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध प्रयोग सूक्ष्मजीवों की प्रतिरोधकता बढ़ने का प्रमुख कारण है। इसके लिए मंत्रालय ने रेड लाइन जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसमें लोगों से चिकित्सक की सलाह के बिना लाल खड़ी रेखाओं से चिह्नित एंटीबायोटिक समेत अन्य दवाओं का प्रयोग नहीं करने का आह्वान किया जा रहा है।
71.9 प्रतिशत मरीजों ने एंटीबायोटिक्स ली
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने 20 सरकारी अस्पतालों में 9653 पात्र मरीजों पर बिंदु प्रसार सर्वेक्षण (पीपीएस) किया और पाया कि 71.9 प्रतिशत मरीजों ने एंटीबायोटिक्स ली हैं। इनमें से 54.8 प्रतिशत ने महज बीमारी को रोकने के लिए इनका प्रयोग किया।