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Health Study: भारत में 50 फीसदी लोग आलसी, शारीरिक श्रम में नहीं है रुची; रिपोर्ट में महिलाओं को लेकर भी चौंकाने वाला दावा

Lancet report on India द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 2022 में भारत में लगभग 50 प्रतिशत लोग अपर्याप्त स्तर की शारीरिक गतिविधि करते हैं। अध्ययन में पाया गया कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं और कम शारीरिक काम करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं में शारीरिक गतिविधि का अपर्याप्त स्तर पुरुषों की तुलना में औसतन 14 प्रतिशत अधिक है।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 27 Jun 2024 10:07 AM (IST)
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Lancet report on india भारतीय हैं काफी आलसी।
पीटीआई, नई दिल्ली। Lancet report on india भारत में शारीरिक श्रम करने में लोग काफी आलसीपन दिखाते हैं। ये बात एक रिपोर्ट में सामने आई है। द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2022 में भारत में लगभग 50 प्रतिशत लोग अपर्याप्त स्तर की शारीरिक गतिविधि करते हैं।

अध्ययन में पाया गया कि भारत में पुरुषों (42 प्रतिशत) की तुलना में महिलाएं (57 प्रतिशत) और कम शारीरिक काम करती हैं।

नहीं करते शारीरिक गतिविधि

रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं में शारीरिक गतिविधि का अपर्याप्त स्तर पुरुषों की तुलना में औसतन 14 प्रतिशत अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र वयस्कों के अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय होने के मामले में उच्च आय वाले एशिया प्रशांत क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

विश्व में 30 फीसदी नहीं करते शारीरिक श्रम 

रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई लोग (31.3 प्रतिशत) शारीरिक श्रम प्राप्त रूप से नहीं करते। रिपोर्ट में पाया गया कि ये आंकड़ा 2010 के मुकाबले और बढ़ गया है। तब दुनिया भर में अपर्याप्त रूप से शारीरिक गतिविधि में संलग्न 26.4 प्रतिशत लोग थे, जो अब पांच प्रतिशत अधिक है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में वर्ष 2000 में 22 प्रतिशत से थोड़ा अधिक वयस्क अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि में संलग्न थे, जबकि 2010 में लगभग 34 प्रतिशत वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय थे।

उन्होंने अनुमान लगाया कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहे, तो 2030 में 60 प्रतिशत वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक गतिविधि में जुड़े हो सकते हैं।

हाई बीपी और शूगर की समस्या बढ़ी

द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित 2023 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज (ICMR-INDIAB) के एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2021 में भारत में 101 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित थे और उसी वर्ष लगभग 315 मिलियन लोगों को हाई बीपी था।

अध्ययन के अनुसार, इसके अलावा 254 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं तथा 185 मिलियन लोगों में एलडीएल या 'खराब' कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च है।