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Tuberculosis: स्वास्थ्य कर्मियों में टीबी का जोखिम अधिक, नए अध्ययन में चौंकाने वाली बात आई सामने

स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर व्यावसायिक जोखिम दर्शाते हुए एक नए अध्ययन में पाया है कि भारत में आम लोगों की तुलना में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच टीबी के मामले बहुत अधिक हैं। इस अध्ययन को भारत में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों में टीबी की व्यापकता एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। वैसे प्रति एक लाख आबादी पर टीबी के मामलों की संख्या महज 300 ही है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 07 Sep 2024 11:30 PM (IST)
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भारत में आम लोगों की तुलना में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच टीबी के मामले बहुत अधिक

 पीटीआई, नई दिल्ली। स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर व्यावसायिक जोखिम दर्शाते हुए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि भारत में आम लोगों की तुलना में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मामले बहुत अधिक हैं।

2004 से 2023 के बीच पिछले 20 सालों में किए गए 10 अलग-अलग अध्ययनों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में प्रति एक लाख स्वास्थ्य कर्मियों पर औसतन 2,391.6 टीबी के मामले हैं। वैसे प्रति एक लाख आबादी पर टीबी के मामलों की संख्या महज 300 ही है।

इस अध्ययन को भारत में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों में टीबी की व्यापकता: एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया कि टीबी वैश्विक स्तर पर सबसे गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है।

शोध के मुताबिक प्रयोगशाला तकनीशियनों में प्रति एक लाख पर टीबी के 6,468.31 मामले, डाक्टरों में प्रति एक लाख पर 2,006.18 और नर्सों में प्रति एक लाख पर 2,726.8 केस पाए गए। इस तरह स्वास्थ्य कर्मियों में टीबी प्रसार की दर बहुत अधिक है।