68 अवर न्यायिक अधिकारियों के प्रमोशन मामले में सोमवार को SC में सुनवाई, राहुल को सजा सुनाने वाले CJM भी शामिल
मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराने वाले सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) हरीश हसमुखभाई वर्मा समेत गुजरात के 68 अवर न्यायिक अधिकारियों के प्रमोशन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आठ मई को सुनवाई करेगा। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 05 May 2023 11:10 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराने वाले सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) हरीश हसमुखभाई वर्मा समेत गुजरात के 68 अवर न्यायिक अधिकारियों के प्रमोशन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आठ मई को सुनवाई करेगा।
याचिका में योग्यता सह वरिष्ठता सिद्धांत की कथित अवहेलना के आधार पर प्रमोशन को चुनौती दी गई है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने एक मई को वरिष्ठ दीवानी जज कैडर के अधिकारियों रवि कुमार मेहता और सचिन प्रताप राय मेहता की याचिका पर सुनवाई की तिथि आठ मई निर्धारित की थी।
दोनों याचिकाकर्ता वर्तमान में गुजरात सरकार के विधि विभाग में अंडर सेकेट्री और राज्य विधि सेवा प्राधिकरण में सहायक निदेशक हैं।शीर्ष अदालत ने दोनों न्यायिक अधिकारियों की याचिका पर 13 अप्रैल को गुजरात सरकार और गुजरात हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किए थे और शीर्ष अदालत में मामला लंबित होने की जानकारी होने के बावजूद उक्त न्यायिक अधिकारियों के प्रमोशन का फैसला करने व इस संबंध में 18 अप्रैल को आदेश पारित करने की काफी आलोचना की थी।
शीर्ष अदालत ने अपने 28 अप्रैल के आदेश में कहा था, 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तथ्य के बावजूद कि प्रतिवादी खासतौर पर राज्य सरकार वर्तमान कार्यवाही से अवगत थी और इस तथ्य से भी कि वर्तमान कार्यवाही में इस अदालत ने 28 अप्रैल, 2023 तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया था, राज्य सरकार ने 18 अप्रैल, 2023 को प्रमोशन का आदेश जारी कर दिया, खासकर इस अदालत द्वारा जारी नोटिस प्राप्त होने के बाद।' पीठ का कहना था कि प्रमोशन के आदेश में राज्य सरकार ने यहां तक कहा कि प्रमोशन शीर्ष अदालत में लंबित सुनवाई के परिणाम पर निर्भर होंगे।