भारतीय बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाले मेहुल चोकसी को भारत के हवाले करने पर आज फिर सुनवाई
डोमिनिका की अदालत को यह फैसला करना है कि गैर कानूनी तरीके से घुसा चोकसी कहां का नागरिक है। ऐसे में डोमिनिका अदालत या तो उसे सीधे भारत भेजने का फैसला करेगी या फिर एंटीगुआ। एंटीगुआ जाने पर मामला उलझ सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय बैंकों को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाने वाले भगोड़े मेहुल चोकसी के मामले में डोमिनिका की कोर्ट में चल रही सुनवाई गुरुवार तक के लिए टल गई। डोमिनिका की सरकार ने कोर्ट से चोकसी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करने का आग्रह किया। उधर चोकसी का कहना है कि उनका अपहरण कर जबरन कैरिबियाई द्वीप राष्ट्र लाया गया।
चोकसी मजिस्ट्रेट को बताए कि डोमिनिका में कैसे आया, डोमिनिका हाई कोर्ट ने दिया आदेश
डोमिनिका के हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि चोकसी को देश में अवैध प्रवेश के आरोपों का जवाब देने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाए। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
अभियोजन पक्ष ने कहा- चोकसी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका मान्य नहीं
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि चोकसी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका मान्य नहीं है क्योंकि उसने अवैध रूप से देश में प्रवेश किया था और बाद में उसे हिरासत में लिया गया।
चोकसी के वकील ने कहा- मामला बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का है न कि भारत प्रत्यर्पण का
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि मामला बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का है न कि उसके भारत प्रत्यर्पण का। उसकी नागरिकता पर अदालत के समक्ष कोई सवाल नहीं है।
हाई कोर्ट ने की अस्पताल में भर्ती चोकसी के साथ वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई
डोमिनिका के हाई कोर्ट के जज बर्नी स्टीफेंसन ने अस्पताल में भर्ती हीरा व्यापारी के साथ वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। जज ने अधिकारियों से डोमिनिका-चाइना फ्रेंडशिप अस्पताल में भर्ती चोकसी के साथ अदालती दस्तावेज साझा करने को कहा।
घोटाले के आरोपित को भारत लाने के लिए सीबीआइ के अधिकारी डोमिनिका में मुस्तैद
उल्लेखनीय है चोकसी के अपराधों से जुड़े तमाम दस्तावेज लेकर सीबीआइ के आला अधिकारी डोमिनिका में मुस्तैद हैं। दूसरी तरफ, चोकसी की तरफ से भी धुरंधर वकीलों की टीम कोर्ट में डटी रही। उसे स्थानीय तौर पर कुछ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। डोमिनिका ही नहीं बल्कि एंटीगुआ के विपक्षी दल भी मानवाधिकार के नाम पर चोकसी को भारत भेजे जाने का विरोध कर रहे हैं।
एंटीगुआ व बारबुडा की सरकार भारत के समर्थन में
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चोकसी के खिलाफ बिल्कुल पक्का मामला है और उसके जैसे आर्थिक अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए भारत भेजे जाने का पूरा मामला बनता है। भारत के पक्ष में एक सकारात्मक बात यह है कि डोमिनिका का पड़ोसी देश एंटीगुआ व बारबुडा की सरकार पूरी तरह से भारत का समर्थन कर रही है।
एंटीगुआ के पीएम ने कहा- चोकसी भारत का नागरिक है, उसे प्रत्यर्पित करने में देरी नहीं होनी चाहिए
एंटीगुआ के पीएम ने यहां तक कह दिया है कि चोकसी भारत का ही नागरिक है और उसे वहां प्रत्यर्पित करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। चोकसी ने भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी थी। लेकिन अब एंटीगुआ की सरकार का कहना है कि उसकी नागरिकता पक्की नहीं थी और मूल तौर पर अभी भी वह भारत का ही नागरिक है। इससे भारतीय जांच एजेंसियों का दावा मजबूत हुआ है।
चोकसी के वकीलों का दावा- चोकसी को एंटीगुआ से अगवा करके डोमिनिका लाया गया
सूत्रों का कहना है कि चोकसी के वकीलों की टीम ने दावा किया है कि उसे एंटीगुआ से अगवा करके डोमिनिका लाया गया है। वहां उसकी पिटाई भी की गई। ऐसा करके मामले को लंबा खींचने की कोशिश की जा रही है। वैसे अभी मामला डोमिनिक के हाई कोर्ट में चल रहा है। इसके बाद चोकसी वहां के सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है।
गैर कानूनी तरीके से घुसा चोकसी कहां का नागरिक है, डोमिनिका की कोर्ट करेगी फैसला
हालांकि चोकसी के खिलाफ गैर कानून तरीके से डोमिनिका में घुसने का मामला चल रहा है जिसके लंबा खिंचने के आसार नहीं हैं। एंटीगुआ में चोकसी के खिलाफ भारत में अपराध व प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है जो कई वर्षो तक चल सकता है। अभी डोमिनिका की अदालत को यह फैसला करना है कि गैर कानूनी तरीके से घुसा चोकसी कहां का नागरिक है। ऐसे में डोमिनिका अदालत या तो उसे सीधे भारत भेजने का फैसला करेगी या फिर एंटीगुआ। एंटीगुआ जाने पर मामला उलझ सकता है। यही वजह है कि भारत उसे सीधे डोमिनिका से ही प्रत्यर्पित करने पर जोर दे रहा है।