Controversial Goa Restaurant: गोवा के विवादित रेस्तरां पर सुनवाई पूरी, अगले सप्ताह सुनाया जाएगा फैसला
गोवा के आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) ने राज्य के विवादास्पद रेस्तरां (Restaurant) को लाइसेंस जारी करने के मामले में गुरुवार को अंतिम दलीलें सुनीं। हाल ही में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यह रेस्तरां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से जुड़ा हुआ है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 13 Oct 2022 06:16 PM (IST)
पणजी, पीटीआई। गोवा के आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) ने राज्य के विवादास्पद रेस्तरां (Restaurant) को लाइसेंस जारी करने के मामले में गुरुवार को अंतिम दलीलें सुनीं। हाल ही में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यह रेस्तरां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से जुड़ा हुआ है। इस मामले में शिकायतकर्ता वकील और एक्टविस्ट आयर्स रॉड्रिक्स (Aires Rodrigues) ने कहा कि नारायण गाड (Narayan Gad) ने इस मामले में अंतिम दलीलें सुनी और इसपर 20 अक्टूबर को आदेश सुनाया जाएगा।
अवैध रूप से लाइसेंस हासिल करने का आरोप
मालूम हो कि राड्रिक्स ने एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उत्तरी गोवा के असगाओ में 'Silly Souls Cafe and Bar' चलाने का लाइसेंस अवैध रूप से हासिल किया गया और साल 2021 में इसको मरने वाले व्यक्ति के नाम पर ही नवीनीकृत किया गया था। इस मामले में पहली सुनवाई 29 जुलाई को हुई थी।
मृतक के नाम पर किया गया लाइसेंस जारी
शिकायतकर्ता राड्रिक्स ने दर्ज शिकायत में आरोप लगाया था कि रेस्तरां का आबकारी लाइसेंस का नवीनीकरण एंथोनी डीगामा के नाम पर किया गया, जिसकी एक साल पहले ही मृत्यु हो गई थी। शिकायतकर्ता ने इस बारे में कहा, 'इस मामले में अंतिम सुनवाई पूरी हो गई है। मैंने आबकारी आयुक्त नारायण गाड को बताया कि एंथनी डीजीएम के नाम से अवैध रूप से आबकारी लाइसेंस जारी किया गया था, जिसकी पहले ही मृत्यु हो गयी थी।'आयुक्त करेंगे इसका फैसला
इस मामले में डीगामा परिवार ( DGama Family) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील बेनेडिक्ट नाजरेथ ने बताया कि दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना काम किया है। हालांकि इस मामले पर फैसला आबकारी आयुक्त को ही करना है। उन्होंने कहा, 'हम एक जीवंत लोकतंत्र में रहते हैं और हम कानून के शासन में भरोसा रखते हैं। हमने आपना काम किया है और उन्होंने इस मामले पर आपना काम किया है। अब इस पर निर्णय आयुक्त को ही करना है।'