Heat Wave: इस बार इतनी गर्म रही 'मई' कि वैज्ञानिक भी सोच में पड़े, इस कारण से लगातार असहनीय होती जा रही गर्मी
उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप जारी है। इस बीच जलवायु विज्ञानियों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह ने कहा है कि इस वर्ष मई में चली लू अबतक रिकॉर्ड की गई लू से 1.5 डिग्री ज्यादा गर्म रही। विज्ञानी इसे लेकर विश्लेषण कर रहे थे कि भारत में मई के दौरान उच्च तापमान जैसी घटनाएं अतीत (1979-2001) की तुलना में वर्तमान में कैसे बदल गई हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप जारी है। इस बीच जलवायु विज्ञानियों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह ने कहा है कि इस वर्ष मई में चली लू अबतक रिकॉर्ड की गई लू से 1.5 डिग्री ज्यादा गर्म रही। विज्ञानी इसे लेकर विश्लेषण कर रहे थे कि भारत में मई के दौरान उच्च तापमान जैसी घटनाएं अतीत (1979-2001) की तुलना में वर्तमान में कैसे बदल गई हैं।
क्लिमामीटर के विश्लेषकों ने कहा कि मई में भारत में तीव्र और लंबे समय तक चलने वाली लू अल नीनो और ग्रीनहाउस की तेजी से बढ़ती सांद्रता का परिणाम थी। फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च से जुड़े डेविड फरांडा ने कहा कि भारत में जीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण गर्मी असहनीय होती जा रही है।
कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्य करना होगा
उन्होंने कहा कि 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने वाले तापमान के लिए कोई तकनीकी उपाय नहीं है। हम सभी को अब साथ मिलकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्य करना चाहिए, जिससे और अधिक क्षेत्र में तापमान को बढ़ने से रोका जा सके।भविष्य में लू काफी हद तक बढ़ सकती है
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के जियानमार्को मेंगाल्डो ने कहा कि यह निष्कर्ष प्राकृतिक परिवर्तनशीलता और जलवायु परिवर्तन के बीच जटिल परस्पर क्रिया को दर्शाता है। यह निकट भविष्य में लू को काफी हद तक बढ़ा सकती है।