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Urban Flooding: चेन्नई में भारी बारिश से जनजीवन बेहाल, जानें क्या है शहरी बाढ़ और क्यों बनती है ऐसी स्थिति

Urban Flooding भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते शहरी बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं शहरी बाढ़ क्या है और भारत में इसकी स्थिति क्यों उत्पन्न होती हैं। आइए जानें इसके बारे में सब कुछ।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Sun, 13 Nov 2022 05:43 PM (IST)
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भारत में बढ़ता शहरी बाढ़ का खतरा।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दक्षिण भारत में लगातार बारिश होने से कई राज्यों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। चेन्नई के साथ उसके आसपास के कई क्षेत्रों में भारी बारिश से जलभराव होने लगा है। इसके चलते वहां सड़को पर आवाजाही प्रभावित हो रही है और कन्नेक्टिविटी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बन रहे दबाव के कारण, अगले तीन दिनों तक तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी रहेगी। भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते शहरी बाढ़ का खतरा बन जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं शहरी बाढ़ क्या है और भारत में इसकी स्थिति क्यों उत्पन्न होती हैं। आइए जानें इसके बारे में सब कुछ।

क्या है शहरी बाढ़?

शहरी बाढ़ विशेष रूप से घनी आबादी वाले शहरों में आती है, जहां पर बारिश इतनी अधिक होती है कि जल निकासी प्रणालियां भी फेल हो जाती हैं। इसे मानव निर्मित आपदा कहा जाता है। शहरी बाढ़, ग्रामीण बाढ़ से बिलकुल विपरीत होती है जो एक समतल या निचले क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण होती है। हालांकि, इसका एक मुख्य कारण अनियोजित शहरीकरण भी होता है। जहां शहरी मास्टर प्लान सही से नहीं बना होता है।

भारत में शहरी बाढ़ के हालात

भारत में लगातार जनसंख्या में इजाफा हो रहा है, अगले वर्ष तो इसकी आबादी चीन को भी पीछे छोड़ने का अनुमान है। ज्यादा आबादी के चलते ही देश में शहरी बाढ़ का खतरा बना रहता है। इसी कारण 2021 में चेन्नई में भारी वर्षा के कारण शहरी बाढ़ की स्थिति बन गई थी और कई क्षेत्र जलमग्न हो गए थे। ऐसी ही स्थिति कई बार दिल्ली, मुंबई, पटना और कई मेट्रो सिटी में देखने को मिलती है।

भारत में आखिर क्यों आती है शहरी बाढ़

भारतीय शहरों में बीते कुछ दशकों में एकाएक आबादी का विस्तार हुआ है और इसके कारण भूमि की मांग बढ़ती गई। शहर के केंद्र में भूमि की कम उपलब्धता के कारण भारतीय शहरों और कस्बों के निचले इलाकों में लगातार विकास हो रहा है। यही कारण है कि झीलों और नदी के किनारों पर अतिक्रमण होने लगा है और बारिश से जलभराव होने लगता है, जो आगे चलकर शहरी बाढ़ का कारण बनता है।

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