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केदारघाटी में फंसे हैं 1 हजार से अधिक लोग, हिमाचल में 46 लापता; बारिश ने कहां-कहां मचाई तबाही?

Heavy Rainfall भारी बारिश और भूस्खलन ने देश के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है। जहां हिमाचल में बादल फटने से कई लोगों की मौत हुई एवं 46 अब भी लापता हैं वहीं उत्तराखंड की केदारघाटी में 1000 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में भी खराब मौसम बाधक बन रहा है। जानिए बारिश ने कहां-कहां और कैसे बरपाया है कहर।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 03 Aug 2024 11:50 PM (IST)
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उत्तराखंड में एक हजार से अधिक लोग अब भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।

जागरण टीम, नई दिल्ली। पहाड़ी राज्यों में बीते दिनों बादल फटने के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण आई आपदा से राहत मिलती नहीं दिख रही है। हिमाचल प्रदेश में लापता 46 लोगों का तीसरे दिन भी पता नहीं चल सका है। उत्तराखंड में मौसम बचाव कार्य में बड़ी बाधा बना हुआ है। 9099 तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन लगभग एक हजार लोग अब भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।

बंगाल में दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण विभिन्न जिलों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। इधर, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राहत एवं बचाव अभियान की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है। इसके बावजूद चार दिन बाद भी केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर पड़ावों पर फंसे सभी तीर्थयात्रियों को निकाला नहीं जा सका है।

मौसम बना बाधक

मौसम प्रतिकूल होने के कारण शनिवार को वायुसेना के मालवाहक हेलीकाप्टर चिनूक और एमआई-17 उड़ान नहीं भर पाए। छोटे हेलीकॉप्टरों से भीमबली, चीरबासा और लिनचोली में फंसे तीर्थयात्रियों में से 1000 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मंदिर समिति की टीमों ने 600 लोगों को केदारनाथ धाम के दुरुह वैकल्पिक मार्गों से सुरिक्षत निकाला, 400 अन्य को हेलीकाप्टरों से निकाला गया।

9 हजार से अधिक यात्रियों को बचाया गया

अभी तक 9,099 तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को निकाला जा चुका है। अब भी लगभग 1000 तीर्थयात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा स्थगित है। पुलिस ने अभी तक लिनचोली क्षेत्र में तीन शव बरामद किए हैं। दो मलबे में दबे थे, जबकि एक मंदाकिनी नदी में मिला। इनमें दो की पहचान सहारनपुर उप्र निवासी शुभम कश्यप और रुद्रप्रयाग के घिमतौली निवासी नीरज के रूप में की गई। एक अन्य की पहचान नहीं हो पाई है। पत्थरों में फंसे चमोली निवासी गिरीश को 18 घंटे बाद एसडीआरएफ ने निकाल लिया, उसके पैर में चोट आई हैं।

हिमाचल में भारी वर्षा की चेतावनी ने बढ़ाई चिंता

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला के कुछ स्थानों पर रविवार को आंधी के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इससे बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। लापता हुए 46 लोगों का अब भी पता नहीं चल सका है। शनिवार को मंडी की चौहारघाटी में एक लड़की का शव मिला है। शिमला के समेज में 33 लोग लापता हैं, मंडी की चौहारघाटी में चार और कुल्लू में नौ लोग लापता हैं।

बादल फटने से आठ की मौत

बादल फटने और बाढ़ के कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। ड्रोन सहित विभिन्न उपकरणों की मदद से लापता लोगों को तलाशने के लिए अभियान चलाया हुआ है। चौहारघाटी के पद्धर उपमंडल के राजबन में बचाव कार्य में जुटी टीम को चट्टान के नीचे शव मिलने का पता चला। चट्टान इतनी मजबूत थी कि इसे तोड़ने के लिए 16 ब्लास्ट किए गए। इसके बाद चट्टान के नीचे से 11 साल की अनामिका का शव मिला। बादल फटने के बाद राजबन में आई बाढ़ में बहे अब तक सात शव बरामद हो चुके हैं।

शिमला जिले के रामपुर के साथ सटे समेज में मलबे के नीचे दबे लापता लोगों को ढूंढने के लिए लाइव डिटेक्टर डिवाइस का प्रयोग किया जा रहा है। खोजी कुत्तों को भी सर्च आपरेशन में शामिल किया गया है। लाइव डिटेक्टर डिवाइस एक जीवन पहचान उपकरण है, जिसका उपयोग आपदाओं के बाद बचाव कार्यों के दौरान किया जाता है।

बंगाल में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ की आशंका

बंगाल में दो दिनों से हो रही भारी बारिश से उत्तर से लेकर दक्षिण तक जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ने व दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) के बांधों से पानी छोड़े जाने से विभिन्न जिलों में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई है। मौसम विभाग की ओर से कोलकाता समेत तटीय इलाकों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। अलीपुरद्वार को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।

पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी जलजमाव हो गया है, मगर विमान सेवाओं पर किसी तरह से असर नहीं पड़ा है। इन दिनों उत्तराखंड की यात्रा से बचेंमौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले तीन से चार दिनों तक भारी वर्षा का अनुमान जताया है, ऐसे में तीर्थयात्री सोच समझकर ही यात्रा की योजना बनाएं। यात्रा मार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में फिलहाल यात्रा करने से बचना ही बेहतर है।