सिक्किम में भारी बारिश से तबाही, फंसे 1200 से अधिक पर्यटक, छह लोगों की मौत
Sikkim बुधवार की रात उत्तरी सिक्किम में 220 मिमी से अधिक बारिश और तीस्ता में आई बाढ़ की वजह से सिक्किम में 1200 से अधिक देसी-विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। बारिश की वजह से कई इलाकों में भूस्खलन हुआ। तीस्ता नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ा और किनारे के घरों में पानी घुस गया। मौसम में सुधार होने पर पर्यटकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी।
जागरण संवाददाता, गंगटोक। बुधवार की रात उत्तरी सिक्किम में 220 मिमी से अधिक बारिश और तीस्ता में आई बाढ़ की वजह से सिक्किम में 1200 से अधिक देसी-विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। बारिश की वजह से कई इलाकों में भूस्खलन हुआ। तीस्ता नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ा और किनारे के घरों में पानी घुस गया।
मौसम में सुधार होने पर पर्यटकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी। सड़क मार्ग को ठीक होने में पांच से छह दिन का समय लग सकता है। शुक्रवार को भी उत्तरी सिक्किम में बारिश जारी रही। आपदा में मरने वालों की संख्या छह तक पहुंच गई है। गुरुवार को तीन लोगों का शव मिला था। तीन लोग लापता थे। तीन और शव मिलने के बाद शुक्रवार को लापता लोगों के मरने की भी पुष्टि हो गई।
मुख्यमंत्री ने की बैठक
संकलांग इलाके में एक पुल के बह जाने से चुंगथांग एवं लाचुंग इलाके से आवागमन ठप हो गया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने शुक्रवार को आपदा की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।पर्यटकों को निकालने की कोशिश तेज
सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक ने कहा कि फंसे हुए पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत शुरू की गई है। यह मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करेगा। वैकल्पिक रूप से सड़क मार्ग से निकासी की योजना बनाई गई है और 5-7 दिनों में कनेक्टिविटी बहाल होने की उम्मीद है।
पाठक ने बताया छह-सात स्थानों पर भूस्खलन की वजह अभी भी सड़क पर पत्थर और मिट्टी गिर रही है। सड़कों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि ग्लेशियर झीलों को कोई खतरा नहीं है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिक्किम में 15 से अधिक ग्लेशियर झीलों की निरंतर निगरानी कर रहा है।