उत्तर भारत में भारी वर्षा, कहीं बहीं गाड़ियां तो कहीं पुल; 29 की मौत, अमित शाह ने कई राज्यों के सीएम से की बात
उत्तर भारत में रविवार को भी जमकर बारिश हुई। ज्यादातर राज्यों में नदी-नालों के उफान पर होने के साथ ही कई शहरों में सड़कें भी दरिया बन गई हैं। सड़कों पर भरे पानी में वाहनों के फंसे होने के दृश्य तो दिखे ही नदियों में वाहन बहते भी नजर आए। बारिश का बहाव इतना तेज था कि हिमाचल प्रदेश में तो वह पुल ही बहा ले गया।
By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 10 Jul 2023 01:30 AM (IST)
जागरण टीम, नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्यों में रविवार को जमकर हुई वर्षा से शहरों में सड़कें दरिया बन गईं। नदी-नाले उफना गए। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में ज्यादा असर दिखा। कहीं गाडि़यां तो कहीं पुल बह गए। घरों और बाजारों में पानी घुस गया।
अबतक 29 लोगों की मौत
भूस्खलन और बारिश से संबंधित घटनाओं में समूचे उत्तर भारत में कुल 29 लोगों की मौत की खबर है। हिमाचल में नौ, उप्र में छह, उत्तराखंड में पांच, पंजाब में दो, राजस्थान, दिल्ली व लद्दाख में एक-एक की जान गई है। जम्मू-कश्मीर में लांस नायक समेत चार लोगों की मौत हो गई।
भारी वर्षा के मद्देनजर कई राज्यों में सरकार ने स्कूलों-कालेजों में छुट्टियां घोषित कर दी हैं। गुरुग्राम में निजी कंपनियों को वर्क फ्राम होम की सुविधा शुरू करने की सलाह दी गई है। उत्तर रेलवे ने 17 ट्रेनों को रद कर दिया और 12 का मार्ग बदल दिया है।
हिमाचल में डूब गया मंदिर
हिमाचल के मंडी में बादल फटने से थुनाग बाजार में मलबा घुस गया तो ब्यास नदी का पानी पंडोह बाजार में भर गया। मंडी जिले में कुल तीन पुल और कुल्लू में 13 वाहन बह गए। ब्यास नदी पर बना पुल करीब 50 वर्ष पुराना था। मनाली में सात घर पानी में समा गए। मंडी स्थित पंचवक्त्र मंदिर ब्यास नदी में पानी बढ़ने से डूब गया।हिमाचल प्रदेश आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, करीब 36 घंटों में 14 जगह भूस्खलन और 13 जगह बाढ़ की सूचना मिली है। इसके चलते 700 से अधिक सड़कों पर यातायात बंद कर दिया गया है। इससे कई जगह यात्री फंस गए हैं।पंडोह बांध से पानी छोड़ने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नादौन ब्यास किनारे स्थित कालेश्वर महादेव मंदिर में पानी घुसने से तीन दिन मंदिर जाने पर रोक लगा दी है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से कई गांव व शहर अंधेरे में हैं।