Hemant Soren: सिब्बल के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा 'हम विचार करने के इच्छुक नहीं'
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन के वकील से कहा कि उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था। हाई कोर्ट भी संवैधानिक अदालत है और वह भी मामले पर विचार करने में उतनी ही सक्षम है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन के वकील से कहा कि उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था। हाई कोर्ट भी संवैधानिक अदालत है और वह भी मामले पर विचार करने में उतनी ही सक्षम है।
सुप्रीम कोर्ट का नकारात्मक रुख देखते हुए हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट जाने की छूट लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली। प्रवतर्न निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात दस बजे मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया था।
नयी अर्जी दाखिल कर गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी
हेमंत सोरेने ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पहले तो ईडी के समन को चुनौती दी थी लेकिन जब ईडी ने 31 जनवरी को लंबी पूछताछ के बाद रात करीब 10 बजे हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया तो सोरेन की ओर से आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट में नयी अर्जी दाखिल कर गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी।मामले में जल्दी सुनवाई की मांग की गई थी
इतना ही नहीं सोरेन की ओर से एक फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले का जिक्र कर जल्दी सुनवाई की मांग की गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो फरवरी को मामले पर सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय विशेष पीठ का गठन किया था, जिसने शुक्रवार को मामले पर सुनवाई की।
कोर्ट क्यों आये हैं, पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए- पीठ
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, एमएम सुंद्रेश और बेला एम त्रिवेदी के समक्ष जैसे ही मामला सुनवाई पर आया और कपिल सिब्बल ने दलीलें रखनी चाही, पीठ ने उनसे सीधा सवाल किया कि वह सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आये हैं पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। आपको हाई कोर्ट जाना चाहिए।