अरुणाचल में कृषि और बागवानी उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाएंगे हाईटेक तरीके, राज्यपाल ने दिया प्रस्ताव
भारत में खेती धीरे-धीरे आधुनिक रूप लेती जा रही है। अब ड्रोन से खेतों की निगरानी की जाती है तो कई आधुनिक मशीनों का उपयोग खेत में किया जाता है। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने कृषि और बागवानी उत्पादन बढ़ानेसड़कों सहित बुनियादी ढांचे के विकास में प्रगति की निगरानी और भूस्खलन और बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग करने पर जोर दिया।
ईटानगर, एजेंसी। भारत एक कृषि प्रधान देश है। आधुनिक समय में भारत ने अपने परंपरागत खेती के तरीकों को बहुत हद तक बदला है। आधुनिक तकनीक के माध्यम से अब खेती के काम भी चुटकी में हो जाते हैं। किसान भी अब नए-नए कृषि यंत्रों को अपना कर खेती आसानी से कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी सभी किसानों को पूरी तरह से सहयोग कर रही है। कृषि में कैसे उत्पादन बढ़ाया जाए इसको लेके केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री (Union Minister of Earth Sciences) किरेन रिजिजू ने शनिवार को ईटानगर के राजभवन में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट केटी परनायक (सेवानिवृत्त) से मुलाकात की। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
दोनों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीनतम उपलब्धियों के अनुप्रयोग के माध्यम से विकासात्मक पहलों पर चर्चा की।
उपग्रह डेटा का उपयोग करने पर दिया जोर
राज्यपाल ने कृषि और बागवानी उत्पादन बढ़ाने, सड़कों सहित बुनियादी ढांचे के विकास में प्रगति की निगरानी करने और भूस्खलन-बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए उपग्रह डेटा (satellite data) का उपयोग करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री से राज्य सरकार को वास्तविक समय डेटा प्रदान करने में सहायता और सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया है।
राज्यपाल ने बताया कि राज्य में कई स्थान अक्सर भारी बारिश, तूफान, चक्रवाती हवा, ओलावृष्टि, बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित होते हैं। राज्यपाल ने आगे केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री को समाज के सामाजिक-आर्थिक लाभ के लिए पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की जानकारी और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए राज्य में एक अवलोकन केंद्र का सुझाव दिया।
राज्यपाल ने केंद्रीय मंत्री से किए कई अनुरोध
राज्यपाल ने राज्य में उपसतह भूविज्ञान और खनिज भंडार के संबंध में महत्वपूर्ण नई जानकारी प्रदान करने के लिए भूभौतिकीय अन्वेषण करने का भी सुझाव दिया है। केंद्रीय मंत्री राज्यपाल द्वारा दिए गए सभी अनुरोध को जल्द से जल्द पूरा करने और राज्य को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए बहुत सकारात्मक और तत्पर दिखे।
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