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महिला जज से दुर्वव्यहार करने पर हाईकोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा, 28 वकीलों को मुफ्त कानूनी सहायता देने का दिया निर्देश

केरल हाई कोर्ट ने एक महिला जज से दुर्वव्यहार मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने कोट्टायम बार एसोसिएशन के 28 वकीलों को कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही से राहत पाने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को छह महीने तक मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि केवल माफी मांगना पर्याप्त नहीं होगा।

By Siddharth Chaurasiya Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 27 Jul 2024 08:23 PM (IST)
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केरल हाई कोर्ट ने एक महिला जज से दुर्वव्यहार मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है।
कोच्चि, आईएएनएस। केरल हाई कोर्ट ने एक महिला जज से दुर्वव्यहार मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने कोट्टायम बार एसोसिएशन के 28 वकीलों को कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही से राहत पाने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को छह महीने तक मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि केवल माफी मांगना पर्याप्त नहीं होगा।

'सिर्फ माफी से काम नहीं चलेगा'

इन वकीलों ने गत वर्ष कोट्टायम की अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के विरुद्ध अपमानजनक नारे लगाए थे। हाई कोर्ट ने कहा, ''इस अदालत का विचार है कि प्रतिवादी केवल माफी मांगकर इस घटना से बच नहीं सकते।''

कोर्ट ने 28 वकीलों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोट्टायम के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। बता दें कि गत नवंबर में यह घटना मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वी सेतुमोहन के साथ हुई थी। वकीलों ने अपने एक साथी के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज कराए जाने को लेकर अदालत में नारे लगाए थे। हाई कोर्ट ने घटना की रिपोर्ट के आधार पर इन वकीलों को अवमानना नोटिस जारी किया था।