Manipur Violence: इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए HC ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, बैन से कई सेवाओं पर पड़ा है असर
Manipur Violence जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि फाइबर टू द होम कनेक्शन के मामले में गृह विभाग द्वारा समिति की ओर से सुझाए गए सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए इंटरनेट सेवा प्रदान की जा सकती है। विशेषज्ञ समिति ने कोर्ट को सूचित किया था कि इंटरनेट सेवा ब्राडबैंड कनेक्शन के माध्यम से प्रदान की जा सकती है।
By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 09 Jul 2023 05:30 AM (IST)
इंफाल, एजेंसीः मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा प्रदान करने की व्यावहारिकता का पता लगाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मामले की सुनवाई 25 जुलाई को करेगी।
कई जनहित याचिकाओं पर हुई सुनवाई
कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जस्टिस ए बिमोल और जस्टिस ए गुनेश्वर शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि, फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन के मामले में गृह विभाग द्वारा समिति की ओर से सुझाए गए सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए इंटरनेट सेवा प्रदान की जा सकती है।
12 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने कोर्ट को सूचित किया था कि इंटरनेट सेवा ब्राडबैंड कनेक्शन के माध्यम से प्रदान की जा सकती है। राज्य सरकार ने उच्च अधिकारियों को अफवाहों के प्रसार और पो¨स्टग में शामिल न होने की इच्छा रखने वाले ग्राहकों से लिखित में लेने के बाद, 10 एमबीपीएस की अधिकतम गति की सीमा के साथ इंटरनेट लीज्ड लाइन (आइएलएल) पर प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव दिया है।
इसमें यह भी कहा गया है कि किसी भी उल्लंघन की स्थिति में, वह प्रासंगिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार दंडित होने के लिए उत्तरदायी होगा। इसके साथ ही किसी के वाईफाई या हाटस्पाट का कोई दूसरा उपयोग करता है तो इसके लिए ग्राहक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध से बिल भुगतान, स्कूलों और कालेजों में प्रवेश, परीक्षा, नियमित खरीदारी और निजी फर्मों के संचालन पर असर पड़ा है। कई लोगों द्वारा दायर अपीलों के बाद, उच्च न्यायालय ने 20 जून को राज्य अधिकारियों से कहा कि वे कुछ निर्दिष्ट स्थानों पर सीमित इंटरनेट सेवाओं की अनुमति दें।