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रेल कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें, CVC की रिपोर्ट में खुलासा

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष रेल कर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं। इसके बाद दिल्ली के स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्थान है। सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में सभी श्रेणियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की 74203 शिकायतें प्राप्त हुई थीं।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 03 Sep 2024 11:45 PM (IST)
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रेल कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें (फाइल फोटो)

पीटीआई, दिल्ली : केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष रेल कर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं। इसके बाद दिल्ली के स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्थान है।सार्वजनिक की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में सभी श्रेणियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की 74,203 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिनमें से 66,373 का निपटारा कर दिया गया और 7,830 शिकायतें लंबित हैं।

सबसे ज्यादा 10,447 शिकायतें रेल कर्मियों और 7,665 शिकायतें जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार) को छोड़कर दिल्ली के स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के विरुद्ध प्राप्त हुई थीं। दिल्ली के स्थानीय निकायों में दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत ढांचा विकास निगम लिमिटेड, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम, दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, इंद्रप्रस्थ विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगर परिषद शामिल हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, रेल कर्मियों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों में से 556 लंबित हैं, जबकि दिल्ली के स्थानीय निकायों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों में से 387 लंबित हैं।

7,004 शिकायतों में से 337 लंबित

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों के विरुद्ध प्राप्त 7,004 शिकायतों में से 337 लंबित हैं। दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के विरुद्ध प्राप्त 6,638 शिकायतों में से 6,246, दिल्ली पुलिस के विरुद्ध प्राप्त 5,313 शिकायतों में से 3,325 और आवासीय व शहरी मामलों के विभाग के कर्मियों विरुद्ध प्राप्त 4,476 शिकायतों में से 3,723 का निपटारा कर दिया गया।इसी तरह कोयला मंत्रालय के कर्मियों के विरुद्ध 4,420; श्रम मंत्रालय के कर्मियों के विरुद्ध 3,217; पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मियों के विरुद्ध 2,749; गृह मंत्रालय के कर्मियों के विरुद्ध 2,309, रक्षा मंत्रालय के कर्मियों के विरुद्ध 1,861; सीबीडीटी कर्मियों के विरुद्ध 1,828, दूरसंचार कर्मियों के विरुद्ध 1,457; केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमाशुल्क बोर्ड कर्मियों के विरुद्ध 1,205; सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के विरुद्ध 960, ऊर्जा मंत्रालय के कर्मियों के विरुद्ध 930, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के विरुद्ध 929 और कार्मिक एवं जनशिकायत व पेंशन विभाग के कर्मियों के विरुद्ध 889 शिकायतें प्राप्त हुई थीं।