Assam Cabinet: असमिया मुस्लिमों का होगा सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन, हिमंत बिस्वा सरमा कैबिनेट ने दी मंजूरी
असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने राज्य के स्वदेशी मुस्लिमों के सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन करने का फैसला किया है। असम सरकार ने कहा कि वह राज्य के स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक आकलन करेगी। इसके अलावा कैबिनेट ने माघ बिहू के दौरान आयोजित पारंपरिक भैंस और सांडों की लड़ाई की अनुमति के लिए एसओपी जारी करने को भी मंजूरी दी है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 09 Dec 2023 09:34 AM (IST)
पीटीआई, गुवाहाटी। असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने राज्य के स्वदेशी मुस्लिमों के सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन करने का फैसला किया है। असम सरकार ने कहा कि वह राज्य के स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक आकलन करेगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सीएम हिमंत बिस्वा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
सरमा ने एक्स पर दी जानकारी
सरमा ने लिखा, 'स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक आकलन अल्पसंख्यक मामलों के निदेशालय और चार क्षेत्रों के माध्यम से किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया है कि चार क्षेत्रों के विकास निदेशालय का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामलों और चार क्षेत्रों के निदेशालय असम किया जाएगा।
भैंस और सांडों की लड़ाई की अनुमति के लिए एसओपी को दी मंजूरी
इसके अलावा कैबिनेट ने माघ बिहू के दौरान आयोजित पारंपरिक भैंस और सांडों की लड़ाई की अनुमति के लिए एसओपी जारी करने को भी मंजूरी दी है। एसओपी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पशुओं पर जानबूझकर अत्याचार या क्रूरता नहीं की जाए। जो सदियों पुरानी असमिया सांस्कृतिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा वार्षिक बफेलो प्रतियोगिताओं के दौरान आयोजकों द्वारा उनकी भलाई के लिए प्रदान किया जाए।यह भी पढ़ें- आतंकी साजिश को लेकर एक्शन में NIA, महाराष्ट्र-कर्नाटक में 44 ठिकानों पर की छापेमारी