Supreme Court: हेट स्पीच मामले में हिंदू संगठन ने दी पक्षकार बनाने की अर्जी, नफरती भाषण पर कार्रवाई की मांग
वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली द्वारा धर्म संसद व नफरती भाषणों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब इसी मामले में हिंदू संगठन हदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल की है। File Photo
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली द्वारा धर्म संसद व नफरती भाषणों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब इसी मामले में हिंदू संगठन 'हदू फ्रंट फॉर जस्टिस' ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल की है। अपने ट्रस्ट को मामले में पक्षकार बनाने की अर्जी के साथ ही हिंदू और हिंदुओं के विरुद्ध दिए गए नफरती भाषण के साक्ष्य साझा कर संबंधितों पर कार्रवाई की भी मांग की है।
लखनऊ के निशातगंज निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की अध्यक्ष हैं। उनकी ओर से सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर तर्क दिया है कि उनकी संस्था वैधानिक तरीके से सनातन धर्म के हितों की रक्षा के लिए काम करती है। धर्म संसद व नफरती भाषणों के मामलों में कार्रवाई को लेकर न्यायालय में कुर्बान अली द्वारा दायर याचिका में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है।
साथ ही पिछले दिनों मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोगों द्वारा हिंदू और हिंदुओं के विरुद्ध दिए गए नफरती भाषण के उदाहरण अपने प्रार्थना पत्र में उल्लेखित कर उनके वीडियो लिंक भी दिए हैं। मलसन, जुलाई 2022 में राजस्थान के अजमेर में दिया गया 'सिर तन से जुदा' का नारा, फुरफुरा शरीफ के पीरजादा ताजा सिद्दीकी द्वारा मुस्लिमों को अपने बच्चों को हिंदुओं के खिलाफ जंग के लिए तैयार करने के भाषण का उल्लेख किया है।
इसी तरह शालिग्राम शिलाओं को लेकर बाबरी मस्जिद की दावेदारी पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता सुल्तान उस्मान खान के बयान, मौलाना तौकीर रजा का भाषण ''मैं अपने हिंदू भाईयों को खास तौर पर कह रहा हूं कि जिस दिन मेरा ये नौजवान कानून अपने हाथ में ले लेगा तो तुम्हें हिंदुस्तान में कहीं जगह नहीं मिलेगी'' सहित एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और अन्य नेताओं और मुस्लिम धर्मगुरुओं के नफरती भाषणों को अर्जी में नत्थी कर न्यायालय से कार्रवाई की मांग की है।