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अक्टूबर तक 72 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक आ चुके भारत, केंद्र सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा प्राचीन ऐतिहासिक काल के हिंदू मंदिरों और गुफाओं के साक्ष्य या अवशेष मिले हैं। केंद्र सरकार मंदिरों गुफाओं एवं गुंबदों समेत प्राचीन स्मारकों पुरातात्विक स्थलों एवं राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों का रखरखाव करती है। लोकसभा में एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में रेड्डी ने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर तक 72.4 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक भारत आ चुके हैं।

By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 19 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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अक्टूबर तक 72.4 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक भारत आ चुके हैं (file photo)

पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रेड्डी ने कहा कि इस वर्ष अक्टूबर तक 72.4 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक भारत आ चुके हैं। ब्यूरो आफ इमिग्रेशन के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में 1.05 करोड़, 2019 में 1.09 करोड़, 2020 में 27.4 लाख, 2021 में 15.2 लाख और 2022 में 64.4 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए थे।

रेड्डी ने यह भी बताया कि केंद्रीय खान मंत्रालय ने पूर्ववर्ती भारत गोल्ड माइन्स लिमिटेड (कोलार गोल्ड फील्ड्स) के बुनियादी ढांचे को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव पर्यटन मंत्रालय के समक्ष रखा है।

ऐतिहासिक काल के हिंदू मंदिरों और गुफाओं के साक्ष्य या अवशेष पाए गए

केंद्र सरकार ने सोमवार को ये भी बताया कि देश में प्राचीन ऐतिहासिक काल के हिंदू मंदिरों और गुफाओं के साक्ष्य या अवशेष पाए गए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।

उनसे पूछा गया था कि क्या देश में मौजूद सभी गुफाओं में हिंदू सभ्यता के मंदिर मौजूद थे या हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर बनाए गए थे और क्या उन्हें बाद में मुगल व ब्रिटिश शासकों द्वारा नष्ट कर दिया गया था? अगर ऐसा है तो क्या सरकार एएसआइ के तहत ऐसी हिंदू धार्मिक सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें उनके प्राचीन स्वरूप में पुनस्र्थापित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने का प्रस्ताव करती है जो जीर्णशीर्ष अवस्था में हैं।

जवाब में रेड्डी ने कहा, 'प्राचीन ऐतिहासिक काल के हिंदू मंदिरों और गुफाओं के साक्ष्य या अवशेष मिले हैं। केंद्र सरकार मंदिरों, गुफाओं एवं गुंबदों समेत प्राचीन स्मारकों, पुरातात्विक स्थलों एवं राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों का रखरखाव करती है।

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