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International Labour Day: शिकागो दंगे ने बदल दिए थे मजदूरों के काम करने के नियम, क्या है मजदूर दिवस का इतिहास

International Labor Day हर साल अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस का अवसर 01 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। श्रमिकों के महत्व और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने के लिए इसे मई दिवस या श्रमिक दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

By Babli KumariEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 30 Apr 2023 12:12 PM (IST)
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International Labour Day अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 2023
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। International Labour Day 2023: देश-दुनिया में मजदूर दिवस (International Labour Day) हर साल 1 मई को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और उनके द्वारा किये गए योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और शोषण को रोकना है। मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देना होता है, इसे लेबर डे और श्रमिक दिवस भी कहा जाता है।

International Workers' Day क्या है मजदूर दिवस के पीछे का इतिहास

मजदूरों के इस आंदोलन की शुरुआत 1 मई 1886 को (1st may labour day) अमेरिका में हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आ गए थे, दरअसल उस समय मजदूरों से 15-15 घंटे काम लिया जाता था। इस आंदोलन के बीच मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी जिसमें मजदूरों की जान चली गई, वहीं 100 से ज्यादा श्रमिक घायल हो गए। 

1 मई को क्यों मनाया जाता मजदूर दिवस

इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई।  जिसमे तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा।  इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया, साथ ही हर साल 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। अमेरिका में श्रमिकों के आठ घंटे काम करने के निमय के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया। 

labour day in india: भारत में लेबर डे की शुरुआत कब हुई

अमेरिका में भले ही 1 मई 1889 को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव आ गया हो। लेकिन भारत में ये आया करीब 34 साल बाद। वहीं भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1923 को चेन्नई से हुई।  लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये फैसला किया गया।  इस बैठक को कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला।  जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। 

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2023: अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस से जुड़े रोचक तथ्य

  • विश्व भर में विभिन्न इंडस्ट्री और क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों और कामगारों के योगदानों को सम्मानित करने के लिए इंटरनेशनल लेबर डे या विश्व मजदूर दिवस मनाया जाता है।
  • 14 जुलाई 1889 को यूरोप में सोशलिस्ट पार्टियों की पहली अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा घोषित किए जाने के बाद, मई दिवस पहली बार 1 मई 1890 को मनाया गया था।
  • श्रम दिवस या मजदूर दिवस  80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। विश्व में 80 से अधिक देशों (भारत सहित) में मजदूर दिवस पर छुट्टी रहती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के बावजूद इसकी उत्पत्ति शिकागो में हेमार्केट मामले की स्मृति में हुई, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रम दिवस सितंबर में पहले सोमवार को मनाया जाता है न कि 01 मई को।
  •  महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी 01 मई को मनाया जाता है।
  • भारत में पहला मई दिवस 1923 में द लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा चेन्नई (तब मद्रास) में मनाया गया था।
  • लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा भारत में पहली बार मई दिवस समारोह का आयोजन किया गया था।
  • भारत में मई दिवस या मजदूर दिवस या 'अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस', तमिल में 'उझोपलार नाल' और मराठी में 'कामगार दिवस' जैसे कई नामों से जाना जाता है।
  •  संयुक्त राज्य अमेरिका से 10 साल पहले 1872 में कनाडा ने मजदूर दिवस मनाया था।
  • पेरिस में श्रमिकों के लिए हर साल 1 मई को 'अंतर्राष्ट्रीय एकता श्रमिक दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।
  • इस दिन खास तौर पर मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने और उनके शोषण को रोकने को लेकर आवाज बुलंद की जाती है।
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