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'भारत और यूक्रेन ने आज रच दिया इतिहास', जेलेंस्की ने पीएम मोदी की यात्रा को बताया ऐतिहासिक; पढ़ें 10 प्रमुख बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रने से शांति का संदेश दिया उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी की भूमि से आए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया था। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि भारत उनके देश की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि आज इतिहास लिखा गया है।

By Sonu Gupta Edited By: Sonu Gupta Updated: Sat, 24 Aug 2024 02:00 AM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की। फोटोः @narendramodi ।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड की यात्रा करने के बाद शुक्रवार सुबह यूक्रेन पहुंचे। राजधानी कीव पहुंचने के बाद राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। कीव में पीएम मोदी ने शांति का संदेश दिया। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि भारत उनके देश की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

पढ़ें प्रमुख बातें-

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि नई दिल्ली का समर्थन उनके देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया में हर किसी को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। मोदी के साथ बातचीत के बाद जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा, आज इतिहास लिखा गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे देश की स्वतंत्रता के बाद पहली बार यूक्रेन का दौरा किया।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि इस यात्रा के बाद हम रणनीतिक साझेदारी, द्विपक्षीय व्यापार और निरंतर सैन्य-तकनीकी सहयोग के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक संयुक्त वक्तव्य पर भी सहमत हुए। भारत यूक्रेन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान अपने आरंभिक वक्तव्य में कहा कि हम महात्मा गांधी की भूमि से आए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया था। प्रधानमंत्री ने देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। मोदी ने जेलेंस्की को सितंबर 2022 में समरकंद और पिछले महीने मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई अपनी बातचीत से भी अवगत कराया।

कुछ समय पहले जब मैं समरकंद में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। पिछले महीने जब मैं रूस गया था, तो मैंने साफ शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं मिलता। बातचीत, संवाद और कूटनीति से समाधान निकलता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर इस संकट से बाहर निकलने का तरीका खोजना चाहिए- पीएम मोदी

रूस की यात्रा के ठीक छह सप्ताह बाद यूक्रेन पहुंचे मोदी ने वैश्विक समुदाय को संदेश दिया कि भारत दो वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ नहीं है। भारत हमेशा शांति के साथ रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान भी मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का आह्वान किया, ताकि युद्ध को शीघ्रता से समाप्त किया जा सके।

पीएम मोदी और जेलेंस्की दोनों नेताओं ने युद्ध में मारे गए बच्चों की स्मृति में निर्मित संग्रहालय का दौरा किया। वहां प्रदर्शित फिल्म को देख कर पीएम मोदी भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि  मैंने आपके साथ बच्चों की स्मृति में बने म्यूजियम को देखा है। मेरा मन भरा हुआ है। दिल को गहरी चोट लगी है। अब मुझे लगता है कि युद्ध का पहला शिकार मानव होता है और उसमें भी बालक पहले शिकार बनते हैं। यह बहुत दर्दनाक होता है। किसी भी सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

मोदी ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि इस संकट की घड़ी में भारत ने जितना हो सका है, उतनी मदद का प्रयास किया है। आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस तरह की भी जरूरत यूक्रेन को होगी, भारत आपके साथ खड़ा होगा और दो कदम आगे चलेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए। जेलेंस्की ने क्यूब्स की मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिससे घायलों के उपचार में तेजी आएगी और बहुमूल्य जीवन बचाने में मदद मिलेगी। प्रत्येक भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के लिए प्राथमिक देखभाल से जुड़ी दवाइयां और उपकरण शामिल हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं यूक्रेन में 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं लेकर आया हूं। 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं। आज मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं। उन्होंने कहा कि हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है, हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ थे, हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति, हम बुद्ध की भूमि से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है, हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।

कई बैठकों में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को और गहरा करने के उद्देश्य से इस महान देश में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं। 

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