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दुश्मनी की बुनियाद पर विभाजन, युद्ध में कितनी बार हारा पाकिस्तान और कब बना बांग्लादेश, पढ़ें पूरी कहानी

भारत और पाकिस्तान साल 1947 में आजाद हुए थे। लेकिन आजादी के कुछ दिन बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ गई। इस युद्ध की वजह कश्मीर ही थी। पाकिस्तानी सेना के समर्थन से कबायली सेनाओं ने कश्मीर में घुसकर कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद भारतीय सेना और कबायलियों के बीच युद्ध हुआ। जिसमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा।

By Siddharth Chaurasiya Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 27 Jul 2024 06:24 PM (IST)
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भारत के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मंसूबों को पस्त करते हुए 25 साल पहले तिरंगा फहराया था।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। 26 जुलाई को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध को 25 साल पूरे हो गए। भारत के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मंसूबों को पस्त करते हुए 25 साल पहले कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराया था। इसके साथ ही भारतीय सेना द्वारा किया गया 'ऑपरेशन विजय' भी अपने 25 साल पूरे कर लिए।

कारगिल विजय दिवस का इतिहास

इस ऑपरेशन में भारतीय सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर स्थित कारगिल के उन इलाकों पर दोबारा फतह हासिल की थी, जिन पर पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच यह युद्ध हिमालय की तराई में काफी ऊंचाई पर हुआ था। युद्ध के एक समय में तो ऐसा लगने लगा था कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध न छिड़ जाए।

जब कश्मीर के लिए पाकिस्तान ने किया था हमला

भारत और पाकिस्तान साल 1947 में आजाद हुए थे। लेकिन आजादी के कुछ दिन बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ गई। इस युद्ध की वजह कश्मीर ही थी। पाकिस्तानी सेना के समर्थन से कबायली सेनाओं ने कश्मीर में घुसकर कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया था।

कैसे बना था LoC?

इसके बाद भारतीय सेना और कबायलियों के बीच युद्ध हुआ। 22 अप्रैल, 1948 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पास हुआ, इसके बाद दोनों देशों की तत्कालीन स्थिति को ही स्थाई बना दिया गया। इसे नियंत्रण रेखा यानी एलओसी कहा जाता है।

1965 में पाकिस्तान ने चली थी चाल

1947 में मुंह की खानी के बाद पाकिस्तान फिर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। उसने अगस्त 1965 में जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया। इस बार भी कश्मीर को अपने में मिलाना ही मकसद था। इसके जवाब में भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले किए। यह जंग 17 दिन तक चली। तत्कालीन सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद युद्धविराम घोषित किया गया।

कैसे बांग्लादेश का हुआ गठन?

1965 की जंग के बाद पाकिस्तान कुछ साल तक शांत रहा। लेकिन 1970 के दशक में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हालात तेजी से बदलने लगे थे। वहां के लोग पाकिस्तान से खुद को अलग करने की मांग करने लगे। पूर्वी पाकिस्तान में हालात इतने बिगड़ गए कि पाकिस्तान ने अपनी सेना वहां उतार दी। पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में लोगों पर जमकर अत्याचार किए। जिसपर भारत चुप नहीं रह सका। 3 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान की सेना पर हवाई हमला कर दिया।

भारत के इस हमले से एक नया देश बना। जिसे आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। तीन बार जंग के मैदान में हारने के बाद 1999 में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर कब्जे की फिर कोशिश की। लेकिन हर बार पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। चाहे 1947 का युद्ध हो, 1965 हो या 1971 और 1999 का कारगिल युद्ध।

2016 में उरी में आतंकियों ने किया हमला

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए रक्तपात की कहानी में हम जाएं तो 1947 के युद्ध के बाद हुए अनेक युद्ध की वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच शत्रुता और गहराता चला गया। जिस वजह से दोनों ओर की राजनीति भी अब तक प्रभावित हो रही है। 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के कैंप पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।

भारत ने उरी हमले का दिया मुंहतोड़ जवाब

बस फिर क्या था, भारत ने आतंकियों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर पाकिस्तान को घुटनों के बल ला दिया। भारतीय सेना के जवान पूरी प्लानिंग के साथ 28-29 सितंबर की आधी रात को गुलाम कश्मीर में 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला।

भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण रिश्तों का एक दौर; उसकी समीक्षा

  • 1947 में भारत की आजादी की प्रक्रिया में सबसे बड़ी भूमिका भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की थी। उन्हें भारत में फरवरी 1947 को खास तौर पर निर्देश देकर भेजा गया था कि वे देश की सत्ता हस्तांतरण की ऐसी प्रक्रिया सुनिश्चित करें, जिससे अंग्रेज जून 1948 से पहले हर हाल में भारत को छोड़कर इंग्लैंड लौट सकें।
  • इसी के लिए उन्होंने देश के बंटवारे वाला ऐसा माउंटबेटन प्लान बनाया जिससे भारत की आजादी और सत्ता हस्तांतरण की योजना प्रस्तुत की। जिसके बाद वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को दो शताब्दियों के ब्रिटिश शासन का अंत कर दिया।
  • भारतीय उपमहाद्वीप मुख्य रूप से हिंदू भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित है।
  • उपमहाद्वीप को दो स्वतंत्र राष्ट्रों भारत और पाकिस्तान में बांट देने वाले विभाजन के साथ हुए नरसंहार की कई कहानियां हैं। इस दौरान धार्मिक हिंसा भड़क उठी थी। लगभग 1 करोड़ 20 लाख लोग विस्थापित हुए थे और करीब दस लाख लोग मारे गए थे।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच विस्थापित होने वाले लगभग 1 करोड़ 20 लाख लोगों में से अधिकतर ट्रेनों, वाहनों, बैलगाड़ियों या फिर पैदल ही गए थे। इनमें से लगभग पचास हजार यानी एक प्रतिशत से भी कम लोगों को भारत और पाकिस्तान से विमानों के जरिये निकाला गया था।
  • सितंबर से नवंबर 1947 के बीच, यानी लगभग तीन महीनों में आबादी की अदला-बदली पूरी हो गई थी। इसके बाद, जनवरी 1949 में 770 किलोमीटर लंबी युद्ध विराम रेखा कश्मीर को विभाजित करने वाली एक वास्तविक सीमा बन गई, जिसे अब नियंत्रण रेखा के रूप में जाना जाता है और दोनों तरफ अभी भी भारी सैन्य बल तैनात है।
  • अगस्त 1965 में पाकिस्तान ने दूसरा युद्ध शुरू किया जब उसने कश्मीर पर आक्रमण किया, जिसका उद्देश्य विभाजित क्षेत्र को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लाना था।
  • सोवियत संघ द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्ध विराम के बाद सात सप्ताह बाद संघर्ष अनिर्णायक रूप से समाप्त हो गया, जिसमें दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे गए।
  • पाकिस्तान ने 1971 की शुरुआत में बांग्लादेश में बढ़ते स्वतंत्रता आंदोलन को हिंसक रूप से दबाने के लिए सैनिकों को तैनात किया, जिस पर उसने 1947 से शासन किया था।
  • अनुमान है कि नौ महीने के संघर्ष में तीन मिलियन लोग मारे गए और लाखों लोग पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा अत्याचारों के बाद भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए।
  • 1971 का साल भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के इतिहास में काफी अहमयित रखता है। उसी साल भारत ने पाकिस्तान को वह जख्म दिया था, जिसकी टीस पाकिस्तान को हमेशा महसूस होती रहेगी। बांग्लादेश की बात करें तो यह वही साल था, जब दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरा।
  • 3 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की वायु सेना ने भारत पर हमला कर दिया। भारत के अमृतसर और आगरा समेत कई शहरों को निशाना बनाया। इसके साथ ही 1971 के भारत-पाक युद्ध की शुरुआत हो गई। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का समापन हुआ।
  • कश्मीर में 1989 का विद्रोह कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का सबसे बड़ा गवाह रहा है। कश्मीर में हिंदुओं पर कहर टूटने का सिलसिला 1989 जिहाद के लिए गठित जमात-ए-इस्लामी ने शुरू किया था, जिसने कश्मीर में इस्लामिक ड्रेस कोड लागू कर दिया था। उसने नारा दिया हम सब एक, तुम भागो या मरो।
  • इसके बाद लाखों कश्मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ दी। करोड़ों के मालिक कश्मीरी पंडित अपनी पुश्तैनी जमीन जायदाद छोड़कर रिफ्यूजी कैंपों में रहने को मजबूर हो गए। घाटी में कश्मीरी पंडितों के बुरे दिनों की शुरुआत 14 सितंबर 1989 से हुई। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और वकील कश्मीरी पंडित, तिलक लाल तप्लू की जेकेएलएफ ने हत्या कर दी थी।
  • इसके बाद जस्टिस नील कांत गंजू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस दौर के अधिकतर हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। उसके बाद 300 से अधिक हिंदू-महिलाओं और पुरुषों की आतंकियों ने हत्या कर दी।
  • कश्मीरी पंडितों के घर के दरवाजों पर आतंकियों ने नोट लगा दिया, जिसमें लिखा था 'या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ दो। पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने टीवी पर कश्मीरी मुस्लिमों को भारत से अलग होने के लिए भड़काना शुरू कर दिया। इस सबके बीच कश्मीर से पंडित रातों -रात अपना सबकुछ छोड़ने के मजबूर हो गए।
  • रिसर्च थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड एंड होलिस्टिक स्टडीज (सीआईएचएस) ने घाटी में हुए 1989 से 2003 के बीच समुदाय के खिलाफ हत्या, यौन शोषण और हिंसा पर एक रिपोर्ट 'सेवेन एक्सोडस एंड द एथनिक क्लींजिंग ऑफ कश्मीरी हिंदुओं' जारी की है, जिसमें एक ग्राफिक लिस्ट प्रकाशित है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1990 में होने वाले पलायन की शुरुआत 1989 में ही हो गई थी।
  • भारत पाकिस्तान पर आतंकियों को धन मुहैया कराने और अपने क्षेत्र में उनके हथियार प्रशिक्षण में सहायता करने का आरोप लगाता रहा है।
  • 1998 में पाकिस्तान ने भारत के जवाब में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था। पाकिस्तान ने इसका कोड नाम चगाई-1 दिया गया था। इसके तहत बलूचिस्तान के चगाई जिले की रास कोह पहाड़ियों पर पांच परमाणु विस्फोट किए गए थे।
  • पाकिस्तान के इस कदम के विरोध में अमेरिका, जापान समेत कई देशों ने उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था। पाकिस्तान ने 30 मई को भी चगाई-2 नाम से ऐसा ही परीक्षण किया था। उसने अपने इस कदम को भारत के परमाणु परीक्षण का जवाब बताया था। भारत ने 1998 में ही 11 और 13 मई को पोकरण में यह परीक्षण किया था।
  • पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी के एक प्रमुख सदस्य राजा मोहम्मद जफरुल हक ने कहा कि उनका देश अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं करेगा।
  • पाकिस्तान ने वाशिंगटन के कड़े दबाव के बाद झुकना शुरू कर दिया। खुफिया रिपोर्टों से पता चला कि इस्लामाबाद ने संघर्ष के करीब अपने परमाणु शस्त्रागार का एक हिस्सा तैनात किया था।
  • इसके बाद, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी अगले वर्ष भारत प्रशासित कश्मीर में घुस आए और कारगिल की ऊंची बर्फीली पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया।
  • प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संघर्ष को भड़काने के लिए सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ को दोषी ठहराया, जिसमें उनकी जानकारी या अनुमति के बिना 10 सप्ताह में कम से कम 1,000 लोग मारे गए। मुशर्रफ ने कुछ महीने बाद तख्तापलट करके शरीफ को अपदस्थ कर दिया।
  • 26 नवंबर 2008' एक ऐसी तारीख है जिसे याद कर सबकी आंखें गमगीन हो जाती हैं, दहशत की तस्वीरें आंखों के सामने तैरने लगती हैं। आज से 15 वर्ष पहले इसी दिन दुनिया की सबसे भीषण और क्रूर आतंकी हमलों में से एक की गवा​ह मुंबई भी बनी थी।
  • पाकिस्तान में प्रशिक्षित और अत्याधुनिक हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतं​कवादियों ने एक नाव के सहारे समुद्र के रास्ते मुंबई में प्रवेश किया था और कई जगहों पर अपनी दशहत और क्रूरता के निशान छोड़े थे। उन्होंने भीड़-भाड़ वाली जगहों और प्रतिष्ठित इमारतों को निशाना बनाया था। उनका यह हमला और उन्हें ढेर करने की जद्दोजहद चार दिनों तक चली थी, जिसमें 29 विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।
  • भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को दोषी ठहराया और शांति वार्ता स्थगित कर दी। 2011 में भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत फिर शुरू हुई। लेकिन छिटपुट लड़ाई से फिर स्थिति खराब हो गई।
  • इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में पाकिस्तान का दौरा किया। लेकिन कूटनीतिक तनाव कम समय तक रहा।
  • 2019 में एक आत्मघाती हमले में कश्मीर में 41 भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए, जिसके बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान के अंदर हवाई हमले का आदेश दिया। भारतीय वायु सेना की एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच कुछ समय के लिए तनाव कम हो गया। लेकिन बीच-बीच में पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर सीजफायर का उल्लंघन करता रहा। जो अभी तक जारी है।