जब नितिन गडकरी के साथ हुआ था Hit And Run जैसा वाकया, जांच के बाद... पढ़ें क्या बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने साथ हुए हिट एंड रन जैसे वाकया को साझा किया है। उन्होंने कहा कि एक बार महाराष्ट्र में उनका सड़क दुर्घटना हो गया और उनकी पूरी गाड़ी ट्रक के अंदर घुस गई। कार में उनके साथ उनके बच्चे और पत्नी भी सवार थे। उन्होंने कहा कि जब मैंने इस बारे में जांच पड़ताल की तो कार चालक को मोतियाबिंद था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए हिट एंड रन कानून (Hit And Run Law) को लेकर देश की राजनीति सातवें आसमान पर पहुंच गई है। इस कानून के विरोध में देश के कई हिस्सों में वाहन चालकों ने शनिवार को चक्का जाम कर धरना-प्रदर्शन किया। वहीं, केंद्र सरकार से इस कानून को लगातार निरस्त कराने की मांग भी की जा रही है। नए कानून के विरोध में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार के ड्राइवरों ने चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
नितिन गडकरी ने साझा किया वाकया
वहीं, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने साथ हुए हिट एंड रन जैसे वाकया को साझा किया है। उन्होंने कहा कि एक बार महाराष्ट्र में उनका सड़क दुर्घटना हो गया और उनकी पूरी गाड़ी ट्रक के अंदर घुस गई। कार में उनके साथ उनके बच्चे और पत्नी भी सवार थे। उन्होंने आगे बताया कि यह सड़क दुर्घटना सड़क पर खड़े एक पेड़ के कारण हुई, जिसको दुर्घटना से तीन साल पहले ही काटने के लिए अनुमति मांगी गई थी।
कई चालकों का था मोतियाबिंद
उन्होंने कहा कि जब मैंने इस बारे में जांच पड़ताल की तो कार चालक को मोतियाबिंद था। हालांकि, इस बारे में और भी जांच की गई तो पता चला की करीब 40 प्रतिशत से अधिक चालकों को मोतियाबिंद की बीमारी थी। जांच में पता चला कि उस समय के एक मुख्यमंत्री का कार चालक कई सालों से गाड़ी चला रहा था, जो की जांच में अंधा निकला। गडकरी ने बताया कि इसके बाद कई टोल नाके पर कैंप लगाकर जांच किया गया।
सड़क दुर्घटना रोकने के लिए उठाए गए कई कदम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी को भी कानून से डरने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय मंत्री बताया कि कई तरह से सुधार करने के बाद सड़क दुर्घटना और मौत के आंकड़ों में कमी आई। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए गए हैं।
पहले क्या था कानून और अब संशोधन क्या होगा?
हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है। संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।