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अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में तैनात हुआ 'HMS Tamar', जल्द भारतीय सेना के साथ करेगा ट्रेनिंग

यूके रॉयल नेवी का गश्ती पोत एचएमएस तामार आज अंमान निकोबार द्वीप समूह में तैनात हो गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में इस जहाज के चालक भारतीय नौसेना के साथ मिलकर ट्रेनिंग करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 06 Jan 2023 06:06 PM (IST)
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अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में तैनात हुआ 'एचएसएस तामर' जहाज।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। यूके रॉयल नेवी का गश्ती पोत 'एचएमएस तामार' इंडो पैसिफिक क्षेत्र में अपनी तैनाती के लिए आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए रवाना हो गया है। अगले पांच दिनों में जहाज और इसके चालक भारतीय नौसेना के साथ मिलकर क्षमता प्रदर्शन और समुद्री अभ्यास करेंगे।

5,500 से ज्यादा माइलेज

HMS तामार ड्रग-तस्करों और कई तरह की चीजों की तस्करी को रोकने से लेकर ब्रिटेन के क्षेत्रीय जल की रक्षा करने और आपदा के मद्देनजर मानवीय सहायता प्रदान करने तक कई तरह की भूमिकाएं निभाता है। इस जहाज ने रॉयल मरीन कमांडो के साथ बोर्ड और सर्च ऑपरेशन पर काम करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण भी लिया है। इसका रेंज 5,500 से भी ज्यादा माइलेज का है।

"भारतीय नौसेना के साथ जुड़ना बेहद मूल्यवान"

'एचएमएस तामार' इंडो-पैसिफिक में स्थायी तैनात पर दो रॉयल नेवी जहाजों में से एक है। इस जहाज के मिल जाने से समुद्री डोमेन जागरूकता प्रयास को और मजबूत करने का एक बेहतरीन मौका मिला है। इस मौके पर फर्स्ट सी लॉर्ड, एडमिरल सर बेन की ने हिंद महासागर में अपनी पहली बार नौकायन के दौरान कहा, "मुझे खुशी है कि 'एचएमएस तामार' इस सप्ताह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के लोगों से जुड़ना और भारतीय नौसेना के साथ ट्रेनिंग करने का अवसर मिला है जो कि बेहद मूल्यवान है।

हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर वर्चस्व चाहता है चीन

आपको बता दें, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन लगातार भड़काने वाली हकरतें करता रहता है। जिनसे सैन्य शत्रुता की आशंका बढ़ गई है और चीन के क्षेत्रीय संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, भारत, दक्षिण कोरिया और जापान सहित हिंद-प्रशांत के ज्यादातर देश चीन की आक्रामक रवैये से नाराज है। चीन छोटे देशों की समुद्री सीमाओं का उल्लंघन करता आया है। वैश्विक स्तर पर चीन को लेकर यह धारणा प्रबल हुई है कि वह अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए सैन्य ताकत से दूसरे देशों की संप्रभुता व सीमाओं का दमन करता है।

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