जोशीमठ भूधंसाव को लेकर अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक, बोले- राहत और बचाव कार्य में कोई कोताही नहीं हो
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के जोशीमठ में हुए भूधंसाव की मौजूदा स्थिति को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। यह बैठक गृह मंत्री के आवास पर हुई जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और गृह सचिव अजय भल्ला समेत कई मंत्रीगण और अधिकारी मौजूद रहे।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 12 Jan 2023 07:29 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के जोशीमठ की मौजूदा स्थिति को लेकर हुए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत, गृह सचिव अजय भल्ला समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में जोशीमठ में भूधंसाव के मद्देनजर सड़कों, बिजली आपूर्ति, पानी की कमी और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। गृह मंत्री के आवास पर करीब 40 मिनट तक बैठक चली।
भूधंसाव की वजह से मकानों में पड़ी दरारें
जोशीमठ में भूधंसाव की वजह से 720 से अधिक मकानों पर दरारें पड़ गई हैं। इन सभी मकानों की पहचान की जा चुकी है। जबकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। इसी बीच अमित शाह ने मौजूदा स्थिति का जायजा लिया और बैठक में राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए।Joshimath: बारिश और भूकंप से और भयावह हो सकती है जोशीमठ की स्थिति, IIT विशेषज्ञ का चौंका देने वाला दावा
बैठक में विशेषज्ञ भी हुए शामिल
मौजूदा परिस्थितियों की समीक्षा वाली बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG), आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ भी शामिल हुए। इस बैठक में गृह मंत्री को जानकारी दी गई कि जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए भोजन, आश्रय और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के साथ काम कर रहा है।लगातार रिपोर्ट दे रही राज्य सरकार
सूत्रों ने बताया कि इसमें उन परियोजनाओं को लेकर भी चर्चा की गई, जिन्हें वहां भूस्खलन और दरारों का कारक बताया जा रहा है। फिलहाल वहां जनजीवन की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को पूरी तरह सहयोग मिलेगा। वहां आवश्यकता के अनुसार राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बढ़ाई जाएंगी। इसके लिए राज्य सरकार से लगातार अपडेट रिपोर्ट ली जा रही है।
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