'हिंसा से रोजगार नहीं मिलता, उज्जवल भविष्य में बाधा बन रहे हैं नक्सली', जनजाति युवाओं से संवाद में बोले शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद को जनजाति युवाओं के उज्जवल भविष्य की राह की सबसे बाधा करार दिया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों के जनजाति युवाओं से संवाद करते हुए शाह ने हिंसा के रास्ते से बचने और वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को जड़ से खत्म करने में अहम भूमिका निभाने की सलाह दी।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 18 Oct 2023 09:25 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद को जनजाति युवाओं के उज्जवल भविष्य की राह की सबसे बाधा करार दिया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों के जनजाति युवाओं से संवाद करते हुए शाह ने हिंसा के रास्ते से बचने और वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को जड़ से खत्म करने में अहम भूमिका निभाने की सलाह दी।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि एक जनजाजीय महिला द्रौपदी मुर्मु के देश की राष्ट्रपति बनना गर्व की बात है। अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में जानबूझकर भ्रांति फैलायी जा रही है कि देश में जनजातीय समुदाय के बच्चों का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने साफ किया कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है और जनजातीय समुदाय के लोगों और खासकर युवाओं के लिए अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
हिंसा से रोजगार नहीं मिल सकता- शाह
उन्होंने युवाओं को देश के विकास के साथ जोड़कर जीवन का लक्ष्य तय करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और सभी के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं। युवाओं को सिर्फ अपना लक्ष्य तय करना है और उसके लिए पुरूषार्थ करना है। वामपंथी उग्रवादी हिंसा को खत्म करने की जरूरत बताते हुए अमित शाह ने कहा कि हिंसा से रोजगार नहीं मिल सकता है।युवाओं के भविष्य की राह में बाधा खड़ी कर रहे उग्रवादी- शाह
शाह ने कहा कि सुदूर इलाकों में विकास और आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए मुख्यधारा से जुड़ना जरूरी है। उनके अनुसार मोबाइल टावर, सड़क और अन्य जरूरी सुविधाओं का विरोध करने वाले वामपंथी उग्रवादी असल में वहां के युवाओं के उज्जवल भविष्य की राह में बाधा खड़ी कर रहे हैं। इसे रोकने की जिम्मेदारी युवाओं है और उन्हें ही तय करना होगा कि वे नहीं तो खुद गलत रास्ते पर जाएंगे और न ही किसी दूसरे को जाने देंगे।शाह ने 200 जनजाति युवाओं से किया संवाद
मंत्री अमित शाह से संवाद करने वाले 200 जनजाति युवाओं में से 140 छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दांतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और राजनंदगांव से और 60 युवा मध्य प्रदेश के बालाघाट से थे। ये जिले नक्सली हिंसा से बुरी तरह से प्रभावित हैं। नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों के युवाओं को वामपंथी उग्रवादियों के दुष्प्रचार से बचाने और देश के विकास व प्रगति की असली तस्वीर दिखाने के लिए देश के विभिन्न हिस्से में भ्रमण के लिए कार्यक्रम चलाया जाता है।
इसी कार्यक्रम के तहत ये युवा दिल्ली में है। मोदी सरकार आने के बाद और खासतौर पर अमित शाह के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद युवाओं की सहभागिता में कई गुणा का बढ़ोतरी हुई है। 2006-07 से 2022-23 के बीच कुल 25,880 जनजातीय युवाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, जिनमें से 20,700 युवा पिछले नौ वर्षों में हिस्सा लिया। इसमें भी 10,200 युवाओं ने 2019-20 के बाद हिस्सा लिया।
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