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अवैध पेमेंट गेटवे से काले धन को बनाया जा रहा सफेद, अंतर्राष्ट्रीय गिरोह शामिल; गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने काले धन को सफेद बनाने के लिए चलाई जा रही अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट को लेकर अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय के अनुसार ये लोग फर्जी पेमेंट गेटवे और खाते बनाकर साइबर अपराधों के माध्यम से प्राप्त अवैध धन को वैध बनाने के लिए कर रहे हैं। साथ ही मंत्रालय ने नागरिकों को भी ऐसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 29 Oct 2024 12:07 AM (IST)
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गृह मंत्रालय ने इन ट्रांसैक्शन्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। (File Image)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने सोमवार को साइबर अपराधियों द्वारा बनाए गए अवैध भुगतान गेटवे के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। एजेंसी के अनुसार अवैध गतिविधियों के लिए 'म्यूल' बैंक खातों का उपयोग किया जाता है।

मंत्रालय ने बयान में बताया कि गुजरात पुलिस और आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा हाल ही में की गई देशव्यापी छापेमारी से पता चला है कि 'म्यूल' और अन्य अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे के खातों को संचालित करने वाले अंतरराष्ट्रीय अपराधी बनाए गए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त इस अवैध तकनीक का उपयोग साइबर अपराधों के माध्यम से प्राप्त अवैध धन को वैध बनाने के लिए किया जाता है।

मंत्रालय ने किए कई खुलासे

पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।' विज्ञप्ति के अनुसार राज्यों की पुलिस एजेंसियों से प्राप्त जानकारी और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार निम्नलिखित बिंदुओं की पहचान की गई है:

  • चालू खाता और बचत खाता सोशल मीडिया, विशेषकर टेलीग्राम और फेसबुक के माध्यम से खोजा जाता है। ये खाते फर्जी कंपनियों/उद्यमों के हैं।
  • ये म्यूल खाते विदेशों से संचालित होते हैं।
  • फिर इन खातों का उपयोग कर अवैध पेमेंट गेटवे बनाया जाता है, जिसे आपराधिक सिंडिकेट को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम साइटों, ऑफशोर सट्टेबाजी और जुए से जुड़ी वेबसाइटों, फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि जैसे अवैध प्लेटफार्मों पर जमा हुई धनराशि प्राप्त करने के लिए दिया जाता है।
  • जैसे ही अपराध से अवैध धन प्राप्त होता है, उसे तुरंत दूसरे खाते में डाल दिया जाता है। इसके लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली Bulk Payout की सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है।
  • अभियान के तहत जिन पेमेंट गेटवे की पहचान की गई, उनमें PeacePay, RTX Pay, PoccoPay, RPPay आदि शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये गेटवे, मनी लॉन्ड्रिंग को एक सेवा के रूप में उपलब्ध कराते हैं और इन्हें विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित किया जाता है।

नागरिकों को दी सलाह

I4C ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने बैंक खाते/कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र/’उद्यम आधार’ पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें। ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि के लिए गिरफ्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

बैंक उन खातों के दुरुपयोग की पहचान करने के लिए जांच कर सकते हैं, जिनका इस्तेमाल अवैध पेमेंट गेटवे बनाने के लिए किया जाता है। नागरिक किसी भी साइबर अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दें और सोशल मीडिया पर “CyberDost” चैनल/अकाउंट को फॉलो करें।