Coronavirus New Variant: भारत में ओमिक्रोन का यह नया वेरिएंट कितना खतरनाक? वैज्ञानिकों ने क्यों दी चेतावनी
Subvariant of Omicron चीन के शंघाई शहर के बाद भारत में इस खतरनाक वायरस की दस्तक ने चिंता में डाल दिया है। वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट के खिलाफ चेतावनी दी है। यह दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की प्रकृति म्यूटेट होने वाली है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Fri, 21 Oct 2022 10:49 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Subvariant of Omicron in India: देश में ओमिक्राेन के सब वैरिएंट बीएफ-7 और बीएम-5, 1, 7 ने भारत में भी दस्तक दे दिया है। चीन के शंघाई शहर के बाद भारत में इस खतरनाक वायरस की दस्तक ने चिंता में डाल दिया है। वैज्ञानिकों ने तेजी से फैल रहे ओमिक्राेन के सब वेरिएंट के खिलाफ चेतावनी दी है। यह दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की प्रकृति म्यूटेट होने वाली है। वैज्ञानिकों ने कोरोना के इस तेजी से फैलने वाले ओमिक्रान वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए बेहद सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी अलर्ट हो गया है।
कितना खतरनाक है, क्या कहते हैं विशेषज्ञ 1- यशोदा हास्टिपटल के एमडी डा पीएन अरोड़ा का कहना है कि इस मौसम में कोरोना के नए वायरस की दस्तक निश्चित रूप से चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस वायरस के बारे में हालांकि अभी बहुत जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन शुरूआती लक्ष्णों से ऐसा लगता है कि यह काफी खतरनाक और संक्रामक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि यह डेल्टा और ओमिक्रोन का मिश्रित वायरस हो। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस वायरस को लेकर सजग और सतर्क है। अभी इस वायरस के बारे में जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह जानना जरूरी है कि नया वायरस से कितने म्यूटेशन से निकला है।
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2- डा अरोड़ा ने कहा कि चीन में इस वायरस के प्रसार के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर के संकेत देते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए। संगठन की चीफ सााइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि दुनिया के कुछ मुल्कों में ओमिक्रोन के XBB सबवेरिएंट के कारण कोविड संक्रमण की एक और लहर देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में खतरनाक ओमिक्रान वायरस के तीन सौ से अधिक सबवैरिएंट हो सकते है। यह चिंता का विषय है। इससे यह आशंका प्रबल हो जाती है कि कुछ मुल्कों में कोराना वायरस की लहर देखी जा सकती है।
3- उन्होंने कहा कि किसी देश से आया कोरोना कोविड मरीजों का डाटा यह संकेत नहीं देता है कि कोरोना के नए वेरिएंट की तुलना में कितना गंभीर है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस के BA.5 और BA.1 वेरिएंट पर पैनी नजर रख रहा है। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस की निगरानी और उसे ट्रैक करने की जरूरत पर भी बल दिया है। डा अरोड़ा ने कहा कि इस खतरनाक वायरस पर हमें निगरानी और उसे ट्रैक करने की जरूरत है। पूरे देश में हाल में कोरोना की जांच में कमी आई है। पिछले कुछ महीनों में जीनोमिक निगरानी भी कम हो गई है। हमें कम से कम जीनोमिक निगरानी का एक रणनीतिक नमूना बनाए रखने की जरूरत है, ताकि हम वेरिएंट को लगातार ट्रैक करते रहें।
4- डा अरोड़ा का कहना है कि वायरस के म्यूटेट होने के साथ-साथ इसके लक्षण में भी तेजी से बदलाव आता है। ओमिक्रोन की तरह इस वायरस के लक्षण काफी हद तक जुकाम के लक्षणों से मेल खाते हैं। ओमिक्रोन का शुरुआती लक्षण गले में खराश और खुजली होना है। यह इसके इन्फेक्शन का मुख्य लक्षण भी है। शरीर में ये लक्षण आने के दो दिन बाद ही सर्दी, सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। कोरोना की शुरुआत में सूखी खांसी कोरोना का मुख्य लक्षण हुआ करती थी। ये लक्षण अब भी मौजूद है, लेकिन इसकी इंटेंसिटी काफी कम हो गई है। उनका मानना है कि वैक्सीनेशन से इम्यूनिटी मजबूत होने के कारण मरीजों को सांस संबंधी परेशानियां कम हो रही हैं।
5- डा अरोड़ा का कहना है कि वैज्ञानिक भी नहीं जानते कि कोरोना के लक्षणों में इतनी जल्दी बदलाव क्यों हो रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आबादी के बड़े हिस्से को वैक्सीन लगने से कोरोना के लक्षण माइल्ड होते जा रहे हैं। ओमिक्रान अपने म्यूटेशन्स के कारण पहले से ही माइल्ड है।डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन के मरीजों को हास्पिटलाइजेशन और मौत का खतरा 25 फीसद तक कम होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार माइल्ड लक्षणों के पीछे वैक्सीन के कारण मजबूत हुई इम्यूनिटी है। उन्होंने कहा कि लेकिन इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका कारण बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग जाना है।
चीन में लाडकाडन चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस की (Covid-19 cases in China) नई लहर ने कम्युनिस्ट शासन को चिंता में डाल दिया है। चीन में तीन महीनों में सबसे ज्यादा कोरोना के मामाले सामने आए हैं। कोरोना के प्रसार के चलते चीन ने पांच जिलों में लाकडाउन लगा दिया है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका को देखते हुए शंघाई के 16 में से पांच जिलों में लोगों की कोरोना जांच के लिए कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन के व्यापारिक हब के नाम से विख्यात शंघाई में कोरोना वायरस के प्रसार के चलते भीड़-भाड़ वाले इलाकों एवं शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। इसके साथ कई अन्य संस्थान भी बंद रहेंगे। शंघाई के इन जिलों में जब तक लोगों की कोरोना जांच नहीं हो जाती है, तब तक कठोर प्रतिबंधों में रहना होगा।