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तिरुपति मंदिर के प्रसाद तक कैसे पहुंची जानवर की चर्बी? चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताई वजह

Tirupati laddu Row आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। लैब रिपोर्ट में भी प्रसाद में यह पाए जाने की पुष्टि हुई है। अब तेलंगाना में चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 20 Sep 2024 04:11 PM (IST)
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लैब रिपोर्ट में भी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी पाए जाने की पुष्टि हुई है। (File Image)
एएनआई, हैदराबाद। तेलंगाना में चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने तिरुपति प्रसाद को लेकर मचे बवाल पर कहा है कि यह केवल एक विवाद नहीं है, बल्कि इससे करोड़ों लोगों की सीधे तौर पर भावनाएं आहत हुई हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने कहा, 'पिछले दो दिनों से मैं तिरुपति लड्डू पर विवाद के बारे में मीडिया रिपोर्ट देख रहा हूं। यह कोई विवाद नहीं है, इससे हम जैसे करोड़ों लोगों की भावनाओं को सीधे तौर पर ठेस पहुंची है। इनमें से अधिकतर लोग सनातन धर्म में आस्था रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं।'

मुख्य पुजारी ने की टेंडर प्रक्रिया की आलोचना 

रंगराजन ने प्रसाद लड्डू बनाने की निविदा प्रक्रिया की भी आलोचना की और कथित मिलावट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'जो हुआ है, वह यह है कि हम पहले से ही निविदा प्रक्रिया के बारे में कह रहे हैं, जब आप लड्डू के लिए सामग्री खरीदते हैं तो आप सबसे कम बोली लगाने वाले को चुनते हैं।'

उन्होंने कहा कि जिस क्षण आप सबसे कम बोली लगाने वाले को चुनते हैं, आप मुसीबत को आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'वास्तव में आज सबसे अच्छा गाय का घी 1000 प्रति किलोग्राम से कम नहीं हो सकता। कोई व्यक्ति 320 रुपये कैसे बोल सकता है? यदि कोई 320 रुपये बोलता है तो हर पैकेट मिलावटी है। यह एक बड़ा दुखद मुद्दा है, हमें दोषी को ढूंढ़ना होगा और उसके खिलाफ मामला दर्ज करना होगा।'

सनातन धर्म रक्षा बोर्ड के गठन का किया समर्थन

मुख्य पुजारी ने मंदिरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षा बोर्ड के गठन के लिए आंध्र के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के आह्वान की सराहना की। रंगराजन ने कहा, 'मैं आंध्र के डिप्टी सीएम पवन कल्याण के बयान की सराहना करता हूं, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक परिरक्षक परिषद होनी चाहिए। हम एक केंद्रीय धार्मिक परिषद चाहते हैं, जिसे धार्मिक प्रमुख, माताधिपति, पिताधिपति और सेवानिवृत्त न्यायाधीश चलाएंगे। यदि उनके पास एक केंद्रीय धार्मिक परिषद है तो मंदिर उसके अधीन चल सकते हैं, यही सबसे अच्छा समाधान है।'

इससे पहले गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने एक वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में घी के बजाय तिरुपति प्रसादम में पशु चर्बी का उपयोग करने का आरोप लगाया।

वाईएसआरसीपी ने किया था आरोपों से इंकार

लैब रिपोर्ट की एक प्रति का हवाला देते हुए टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने पहले आरोप लगाया था कि तिरुमाला को दिए गए घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग किया गया था। हालांकि, वाईएसआरसीपी नेता और टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी ने इस आरोप से इनकार करते हुए दावा किया कि प्रसादम तैयार करने के लिए केवल जैविक सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।