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'How Prime Ministers Decide' आखिर क्यों यह किताब बनी CM केजरीवाल की पसंद, जिसे जेल में पढ़ने की जताई इच्छा

How Prime Ministers Decide दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीएम केजरीवाल ने जेल में जाने से पहले रामायण महाभारत गीता और पत्रकार नीरजा चौधरी की लिखित हाऊ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड किताब पढ़ने की मांग की है। आखिर इस किताब में ऐसा क्या है जिसे पढ़ने के लिए सीएम केजरीवाल ने अपनी इच्छा जताई है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Mon, 01 Apr 2024 01:36 PM (IST)
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस किताब को पढ़ने की जताई इच्छा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब केजरीवाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहेंगे। कोर्ट में पेशी के दौरान केजरीवाल ने जेल में तीन किताब उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोर्ट में पेश होने से पहले रामायण, महाभारत, गीता और पत्रकार नीरजा चौधरी की लिखित हाऊ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड किताब पढ़ने के लिए मांगी। रामायण, महाभारत और गीता से तो हम बखूबी वाकिफ हैं लेकिन 'हाऊ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड' किताब जिसकी मांग सीएम केजरीवाल ने की है आखिर इस किताब में ऐसा क्या है। इस किताब को पत्रकार नीरजा चौधरी ने लिखा है जिसमें प्रधानमंत्री कैसे निर्णय लेते हैं के बारे में लिखा गया है।

आखिर क्या है इस किताब में 

इस किताब में भारत के छह प्रधानमंत्रियों ने कैसे बड़े फैसले लिए इसपर यह किताब बात करती है। हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड नाम से लिखी गई किताब में पूरी प्रक्रिया के बारे में बात की गई है जिसमें प्रधानमंत्री की स्थिति और मनःस्थिति पर गहन से लेखिका ने बताया है। इस किताब में लेखिका नीरजा चौधरी ने भारत के प्रधानमंत्रियों के फैसलों पर पर बहुत ही बारीकी से बात कि आखिर कैसे उन्होंने अपने फैसलों से देश के इतिहास की दिशा बदल दी।

किताब में लेखिका ने छह प्रधानमंत्रियों पर डाला प्रकाश 

पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार नीरजा चौधरी की यह पुस्तक समाचार सुर्खियों से परे जाकर यह बताती है कि आखिर स्वतंत्र भारत में कैसे कुछ सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय लिए गए थे। लेखिका ने 1980 और 2014 के बीच छह प्रधानमंत्रियों द्वारा लिए गए छह प्रमुख निर्णयों के बारे में बताया है। वहीं इस किताब में लेखिका  ऐतिहासिक महत्व के छह निर्णयों के चश्मे से देश के प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली का विश्लेषण करती हैं।

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