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Lok Sabha Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध कैसे लगी, चार साल से चल रही थी साजिश; 10 बड़े तथ्य

लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। सदन के भीतर कूदने वाले दोनों युवकों सागर शर्मा और मनोरंजन ने मैसुरु के सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए पास बनवाए थे।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। (जागरण ग्राफिक्स)
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर दुस्साहसिक आतंकी हमले की बरसी वाले दिन ही लोकसभा और संसद परिसर के बाहर बड़ी सुरक्षा चूक का मामला सामने आया। पहले दोपहर लगभग एक बजे लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो युवक सागर शर्मा व मनोरंजन डी.सदन के भीतर कूदे और उन्होंने जूतों में छिपाकर ले जाए गए एक कलर स्मोक क्रैकर के जरिये हल्के पीले रंग का धुआं उड़ाकर पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। लगभग उसी समय संसद भवन की बाउंड्री के ठीक बाहर परिवहन भवन के सामने एक युवक अमोल शिंदे और नीलम नामक युवती ने नारेबाजी के साथ लगभग वैसा ही रंगीन धुआं उड़ाया।

योजना सावधानी पूर्वक बनाई गई

अमोल महाराष्ट्र के लातूर और नीलम हरियाणा के जींद की रहने वाली है। जबकि सागर लखनऊ और मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये घटनाएं अच्छी तरह से समन्वित हैं और इनकी योजना सावधानी पूर्वक बनाई गई थी। इन्हें छह आरोपितों ने अंजाम दिया, जिनमें से पांच को पकड़ लिया गया है। उनके खिलाफ धारा-120बी और यूएपीए के तहत कार्रवाई हो रही है। माना जा रहा है कि इस घटना के तार कुछ ज्यादा लंबे हो सकते हैं।

मैसुरु के सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर बना पास

लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। सदन के भीतर कूदने वाले दोनों युवकों सागर शर्मा और मनोरंजन ने मैसुरु के सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए पास बनवाए थे। इन्हें लगभग एक दर्जन सांसदों ने घेरकर पकड़ा, थोड़ी पिटाई भी की और फिर सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया।

आतंकी हमले की बरसी पर संसद की सुरक्षा में सेंध

बुधवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले 22 साल पूर्व 2001 के आतंकी हमले में मारे गए बलिदानियों को परिसर में श्रद्धांजलि दी गई थी। इसके बाद निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्यवाही चल रही थी। लोकसभा में दर्शक दीर्घा में कई लोग मौजूद थे। इनमें आगे की पंक्ति में खामोशी से बैठे एक युवक ने पहले नीचे छलांग लगाई और सत्तापक्ष की तरफ सबसे पीछे की बेंच पर कूद गया। पहले तो सांसदों ने समझा कि कोई गिर गया है, लेकिन जब उसने उछलकूद मचानी शुरू की तो मंशा समझ में आ गई। तब तक उसका दूसरा साथी भी नीचे कूदने की तैयारी में था।

रेलिंग से लटकने के बाद नीचे कूदा युवक

दीर्घा में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्हें लगा कि दूसरा युवक उसे पकड़ने के लिए नीचे उतर रहा है क्योंकि वह दीर्घा की रेलिंग से लटकने के बाद नीचे कूदा। कुछ क्षण बाद ही लोग समझ गए कि दोनों एक साथ हैं और उनका इरादा संगीन है। कुछ देर के लिए आशंका गहरा गई। उस समय शून्यकाल का अंतिम दौर था और पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल थे।

सदन में किया स्मोक क्रैकर निकालकर पीले रंग का धुआं

इस घटनाक्रम से सदन के भीतर पूरी तरह अफरातफरी फैल गई। कई सांसद दरवाजों की ओर भागे। इसी बीच सांसदों के सहयोग से सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को दबोच लिया। लेकिन उससे पूर्व पहले युवक ने खूब उछलकूद की और अध्यक्ष के आसन तक जाने की कोशिश की। दूसरा जब कूदा तो वहीं बैठा रहा और अपने जूते से स्मोक क्रैकर निकालकर पीले रंग का धुआं फैला दिया।

एक साथी बना रहा था वीडियो

यह पूरी घटना किस तरह से योजनाबद्ध की गई थी इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर नीलम ने नारेबाजी की और उसके दूसरे साथी ने कलर स्मोक क्रैकर फोड़ा। उस समय वहां उनका कोई और साथी भी मौजूद था जो वीडियो बना रहा था। बताया जा रहा है कि उनका वह साथी ललित झा था, उसे पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस की टीमों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है। उसने वीडियो को इंस्टाग्राम पर अपलोड भी कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, एक आरोपित विक्रम है जिसे गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने विक्रम की पत्नी को भी हिरासत में लिया है।

'तानाशाही नहीं चलेगी' के लगाए नारे

नीलम ने 'तानाशाही नहीं चलेगी', 'जय भीम, जय भारत' के नारे लगाने के साथ ही यह दावा किया कि वह किसी संगठन से नहीं जुड़ी है और छात्रा है। उसने मीडिया से यह भी कहा कि सरकार उसके जैसे लोगों का दमन कर रही है, उन्हें पीटा जा रहा है और जेलों में डाला जा रहा है।

गुरुग्राम में ठहरे थे

पुलिस और दूसरी एजेंसियां इस पूरे मामले की इस तरह भी जांच कर रही हैं कि यह पूरा घटनाक्रम गहरी साजिश की देन है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपितों ने योजना को कुछ दिन पहले ही बनाया था और बुधवार को संसद आने से पहले रेकी भी की थी। संसद आने से पहले पांच आरोपित गुरुग्राम में विक्रम के घर पर रुके थे। योजना के मुताबिक सभी छह आरोपित संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें दो ही पास मिल पाए।

चार वर्षों से एक दूसरे को जानते हैं आरोपित

आरोपित अमोल शिंदे से पूछताछ में पता चला है कि सभी छह आरोपित इंटरनेट मीडिया के जरिये पिछले चार वर्षों से एक दूसरे को जानते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया, 'उनकी विचारधारा एक ही है और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां इस बात पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्हें किसी व्यक्ति या संगठन ने निर्देश दिया था। पूछताछ में अमोल ने बताया कि वे लोग किसानों के विरोध प्रदर्शन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से नाराज थे, इसीलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।' अमोल ने बताया कि उसने महाराष्ट्र के कल्याण से लगभग 1,200 रुपये में पांच कलर स्मोक क्रैकर खरीदे थे।

खामियों की पहचान भी करेगी जांच समिति

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली समिति सुरक्षा में सेंध के कारणों का पता लगाने के साथ ही खामियों की पहचान करेगी। समिति आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी।

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