पासवान ही नहीं आप भी खरीद रहे हैं वैक्स कोटेड फल, क्या है नुकसान; कैसे करें पहचान
Wax Coating केंद्रीय मंत्री के घर वैक्स वाला सेब पहुंचा तो हंगामा मच गया लेकिन आम लोग प्रतिदिन बाजार से ऐसे फल व सब्जी खरीद रहे हैं। इसकी पहचान जितनी आसान है खतरा उतना ज्यादा...
By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 20 Sep 2019 07:21 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आम आदमी की जिंदगी में प्रतिदिन आने वाली सामान्य मुसीबतें भी किसी बड़े नेता, मंत्री या सेलिब्रिटी के यहां पहुंचकर खास हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है वैक्स कोटेड सेब के साथ। बाजार में वैक्स कोटेड फल और सब्जियां खुलेआम बिक रहे हैं, लेकिन जब यही सेब केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के घर पहुंचे तो समस्या बड़ी भी हो गई और कार्रवाई भी शुरू हो गई। इस तरह का फल और सब्जियां आपके घर भी प्रतिदिन पहुंच रही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे इनकी पहचान करें और इससे क्या नुकसान है?
आपको बता दें कि राम विलास पासवान केंद्र की एनडीए सरकार में उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय संभाल रहे हैं। उनके घर जो सेब पहुंचा उस पर न केवल वैक्स चढ़ी थी, बल्कि उस दुकान की जांच करने पर पता चला कि सेब का वजन भी कम था। दोनों मामले उनके मंत्रालय के अंतर्गत ही आते हैं। मामला केंद्रीय मंत्री से जुड़ा था तो आनन-फानन में कई विभागों द्वारा कार्रवाई भी शुरू कर दी गई, लेकिन आम आदमी प्रतिदिन इन समस्याओं से जूझता है और उसे ये भी नहीं पता कि इसकी शिकायत भी की जा सकती है या वो कहां शिकायत दर्ज करा सकता है?
कैसे चेक करें वैक्स हुआ है या नहीं?वैक्स किया हुआ फल या सब्जी बहुत चमकदार और साफ-सुथरी दिखेगी। शक होने पर आप उसके छिलके को धारदार चीज या नाखून से रगड़ें अथवा खुरचें। ऐसा करने पर अगर आपको कोई सफेद परत या पाउडर जैसा कुछ नजर आता है, तो वो वैक्स है। वैक्स वाला सेब हथेली पर रगड़ने पर भी आपको सफेद पाउडर जैसी चीज दिखेगी या हथेली सामान्य के मुकाबले थोड़ी चिकनी हो जाएगी। इन आसान उपायों से आप फल या सब्जी खरीदते वक्त अथवा घर में लाने के बाद उन पर वैक्स चढ़ा है या नहीं, इसका आसानी से पता लगा सकते हैं।
सिर्फ तीन तरह का वैक्स की अनुमतिकेंद्रीय मंत्री के घर वैक्स वाला सेब पहुंचने के बाद FSSAI के एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर आयात होने वाले फलों पर वैक्स लगा होता है, जो खाने की कैटेगरी वाला होना चाहिए। नियमानुसार फलों व सब्जियों पर सिर्फ तीन तरह का वैक्स लगाया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता है। सामान्यतया सिर्फ एक से दो बूंद वैक्स का ही इस्तेमाल होता है। ये वैक्स जैविक तरीके से तैयार होते हैं, जिसमें सामान्यतः मधुमक्खी के छत्ते से तैयार किया जाता है। यह जरूरी है कि वैक्स कोटेड फल पर लेबल लगाकर इसकी जानकारी दी जाए। पासवान के घर जो सेब आया था उस पर कोई लेबल भी नहीं था।
रसायन वाला सिंथेटिक वैक्स है खतरनाकनियमानुसार सेब सहित कुछ अन्य फलों और सब्जियों पर निर्धारित मात्रा में प्राकृतिक वैक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे खाने के लिए सुरक्षित माना जाता है। प्राकृतिक वैक्स सामान्य तौर पर शहद निकालने के बाद मधुमक्खी के छत्ते से तैयार की जाती है। हालांकि, बाजार में उपलब्ध ज्यादातर फलों और सब्जियों पर प्राकृतिक वैक्स की जगह रसायन वाले सिंथेटिक वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इन्हें चमकाने के लिए वार्निश आदि के इस्तेमाल की भी बातें अक्सर सामने आती रहती हैं। इस तरह का फल या सब्जी स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञदेश में धड़ल्ले से हो रही वैक्स लगे फलों व सब्जियों की बिक्री पर नियमित जांच नहीं की जाती है। देश में खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण के साथ राज्य स्तर पर लीगल मेट्रोलॉजी विभाग इस तरह की अनियमितताओं पर कार्रवाी करता है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के हार्टिकल्चर पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी सेंटर के निदेशक डाक्टर आरके सिंह का कहना है कि आमतौर पर विकसित देशों में वैक्सिंग तकनीक बेझिझक अपनाई जाती है। निर्यात किये जाने वाले फलों पर अनिवार्य रूप से वैक्स कोटिंग की जाती है। उन्होंने सचेत किया कि घरेलू बाजारों में सब्जियां और फलों को चमकाने के लिए पेट्रोलियम लुब्रिकेंट्स लगाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं। इस पर फूड सेफ्टी विभाग को सख्ती बरतनी चाहिए।
वैक्स वाले फल से नुकसानरसायन युक्त वैक्स लगा फल या सब्जी खाने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इस पर चढ़ी मोम की परत आपकी आंतों में जाकर चिपक जाती है। इससे अपच, बदहजमी और पेट दर्द की शिकायत सबसे सामान्य है। इसके अलावा लंबे समय तक ऐसे फल या सब्जी का इस्तेमाल करने से पेट की आंत में कैंसर, आंतों में छाले या इंफेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। कुछ मामलों में वैक्स युक्त फल या सब्जी खाने से सांस की बीमारी होने का भी खतरा रहता है।
कैसे हटाएं वैक्सवैक्स की पहचान करना जितना आसान है, खाने से पहले इसे हटाना भी उतना ही जरूरी है। आमतौर पर हम फल या सब्जी को इस्तेमाल से पहले सादे पानी से धोकर ही आश्वस्त हो जाते हैं कि वह साफ हो गया है। वैक्स वाले फल या सब्जी में उसे केवल सादे पानी से धोना या पोछना ही पर्याप्त नहीं होता है। इस तरह के फल या सब्जी को अच्छे से साफ करने के लिए गुनगुने पानी में डुबाकर करीब एक मिनट के लिए छोड़ दें। गरम पानी में वैक्स पिघल कर अलग हो जाएगा। इसके अलावा सिरके में कपड़ा भिगोकर उससे भी फल या सब्जी को पोछकर और फिर सादे पानी से धोकर साफ कर सकते हैं। पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा और कुछ नींबू की बूंदें डालें। इसमें वैक्स वाले फल या सब्जी को डुबाकर उसे अच्छे से हाथों से रगड़कर साफ कर लें। इसके बाद सादे पानी से धोकर इन्हें खा सकते हैं।
क्यों किया जाता है वैक्ससामान्य तौर पर इसका इस्तेमाल फलों को चमकदार और साफ-सुथरा दिखाने के लिए किया जाता है। इससे फल या सब्जी में ज्यादा समय तक नमी बनी रहती है और वह लंबे समय तक ताजा दिखते हैं। दरअसल वैक्स चढ़ाने से फलों के पोर बंद हो जाते हैं, जिससे उसके अंदर की नमी बाहर नहीं निकल पाती। ऐसा उन फलों या सब्जियों के साथ किया जाता है, जो जल्दी खराब हो जाते हैं। इसमें कई तरह के फल शामिल हैं।
छीलकर खाएं फलवैक्स या किसी भी तरह के केमिकल अथवा गंदी से बचने का सबसे कारगर उपाय ये है कि उन्हें छीलकर खाएं। आम तौर पर मान जाता है कि फल या सब्जी के छिलके ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक तत्व होते हैं। इसलिए बहुत से लोग छिलका हटाए बिना ही उनका इस्तेमाल करते हैं। इसके विपरीत आज के डायटीशियन सलाह देते हैं कि फल और नासपाती जैसे फलों को भी छीलकर खाना चाहिए। ऐसा न करने से अल्सर और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।
मौसमी फलों को दें प्राथमिकतावैक्स या कार्बाइड वाले फलों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि मौसमी फलों का ही इस्तेमाल करें। ये प्राकृतिक रूप से स्वादिष्ट और ताजा होते हैं। आमतौर पर पुराने या बिना सीजन वाले फल या सब्जियों को ही चमकदार और ताजा दिखाने के लिए वैक्स अथवा अन्य रसायन का प्रयोग किया जाता है। सीजन की बासी सब्जी व फल पर भी इसका इस्तेमाल होता है, इसे थोड़ा सावधानी से देखकर पता लगाया जा सकता है।
कार्बाइड पाउडर भी खतरनाकफलों व सब्जियों को चमकाने के लिए जहां वैक्स का इस्तेमाल होता है, वहीं आम, केला और पपीता जैसे फलों को जल्दी पकाने के लिए कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार रसायन युक्त मोम लगा या कार्बाइड से पका फल खाने से शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है। यह लीवर और किडनी के लिए भी नुकसानदेह होता है।