चिंता और तनाव कम करने में ऐसे कुछ इस तरह मदद करता है योग
चिंता और तनाव ऐसी नकारात्मक भावनाएं हैं जो हमें दिमागी रूप से बीमार करते हैं और योग के जरिए इन पर काबू पाया जा सकता है।
नई दिल्ली। आजकल की भाग दौड़ और तनाव से भरी जिंदगी ने शरीर को अस्वस्थ कर दिया है। दिमाग में भी अशांति, चिंता, भय, शोक और इर्ष्या ने घर कर लिया है। जैसा की हम सभी जानते है की मानसिक तनाव और विचारो को काबू में करने के लिए व्यायाम बेहद आवश्यक है। मांसपेशियों में तनाव बढ़ना, साँस लेने में तकलीफ और दिमाग में चल रही ऊधेडबुन से मस्तिष्क को शांति नहीं मिल पाती है। व्यायाम करने से हमारे शरीर को ताकत मिलती हैं। मानसिक तनाव और विचारो को काबू में करने के लिए योग मदद करता है|
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नियमित योगाभ्यास आपको शांत एवं निश्चिंत रहने में मदद कर सकता है और साथ ही अविचलित हुए समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। योगाभ्यास आदर्श रूप से योगासन, प्राणायाम, ध्यान, एवं प्राचीन योग विज्ञान का संपूर्ण समन्वय है जिससे जीवन को फिर से सकारात्मक रूप से जीने की क्षमता प्रदान की जा सकती है। मन को शांति पहुँचाने के लिए योग और प्राणायाम सबसे श्रेष्ठ विकल्प है। इससे हमारे मन को शांति मिलती है| इससे शरीर भी सुन्दर और चुस्त-दुरुस्त बनता है। प्राणायाम, प्राण और आयाम से मिलकर बना होता है। इस शब्द का तात्पर्य है शरीर में ऊर्जा लाने वाली शक्ति देना। यह एक ऐसी विधि है, जिसमें सांस को एक विशेष प्रकार से अंदर खींचा जाता है और बाहर छोड़ा जाता है। प्रत्येक दिन 30 मिनट की नियमति व्यायाम हमेें कई बीमारियों से मुक्ति दिला सकता है।
प्राणायाम योग के आठ अंगो में से चौथा अंग है| प्राणायाम कई तरह के होते हैं जैसे भस्त्रिका प्राणायाम ,बाह्य प्राणायाम,अनुलोम विलोम प्राणायाम, कपालभाती प्राणायाम, आदि और इन सब प्राणायाम को करने की अलग-अलग विधि होती है। इसके करने से कई शारीरिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है। दैनिक जीवन में प्राचीन योग ज्ञान को जानना और प्रयोग करना हमें सरल अपितु गहन योग सिद्धांतों के बारे में बताता है, जो हमारे लिए एक खुशहाल एवं स्वस्थ जीवन का सार बन सकता है।