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Hyderabad Liberation Day: मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक कदम, हर साल 17 सितंबर को मनाया जाएगा हैदराबाद मुक्ति दिवस

हैदराबाद को आजाद कराने वाले बलिदानियों को याद करने और युवाओं के मन में देशभक्ति की लौ जगाने के लिए भारत सरकार ने हर वर्ष 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि आजादी मिलने के बाद रजाकारों ने भारत में विलय का विरोध करते हुए हैदराबाद का पाकिस्तान में विलय करने या इसे मुस्लिम क्षेत्र बनाने का आह्वान किया था।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 13 Mar 2024 01:55 AM (IST)
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हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि हर वर्ष 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के 13 महीनों बाद हैदराबाद को स्वतंत्रता मिली थी और तब तक वह निजाम के शासन में था।

इस क्षेत्र को ऑपरेशन पोलो के तहत सैन्य कार्रवाई के बाद 17 सितंबर, 1948 को निजाम शासन से आजादी मिली थी।

हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाएगा

अधिसूचना के मुताबिक,'हैदराबाद को आजाद कराने वाले बलिदानियों को याद करने और युवाओं के मन में देशभक्ति की लौ जगाने के लिए भारत सरकार ने हर वर्ष 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।'

रजाकारों के अत्याचारों के विरुद्ध बहादुरी से लड़ी लड़ाई 

उल्लेखनीय है कि आजादी मिलने के बाद रजाकारों ने भारत में विलय का विरोध करते हुए हैदराबाद का पाकिस्तान में विलय करने या इसे मुस्लिम क्षेत्र बनाने का आह्वान किया था। बाद में क्षेत्र के लोगों ने भारत में विलय के लिए राजकारों के अत्याचारों के विरुद्ध बहादुरी से लड़ाई लड़ी।

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